उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है। 403 सीटों पर होने वाले इस चुनाव की तैयारियां प्रदेश में जोरो-शोरो पर हैं। सभी पार्टियों की तरह अब ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड भी एक्टिव हो गया है। इसी तर्ज पर बोर्ड लखनऊ में सोमवार को बड़ी बैठक करने वाला है। बोर्ड जातीय समीकरण साधने में जुट गया है।

देश में साल 2022 में पांच राज्यों में चुनाव होने वाला है। राजनीतिक पार्टियां तो तैयार हो गई हैं वहीं देश की बड़ी धार्मिक और सामाजिक संस्थाएं भी एक्टिव नजर आने लग गई हैं। ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड यूपी की राजधानी लखनऊ में बैठक करने वाला है। इस बैठक में मुस्लिमों से जुड़े मुद्दों पर गहन चर्चा होगी।

ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक लखनऊ के मदरसा सुल्तानुल मदारिस में होगी इस बैठक में बोर्ड के हर एक सदस्य को बुलाया गया है। खबर है कि राज्य में जनसंख्या नियंत्रण कानून पर भी वार्ता होगी। वहीं राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है। इस मुद्दे पर भी बोर्ड के लोग चर्चा करेंगे। चुनाव को ध्यान में रखते हुए बोर्ड की बैठक काफी अहम मानी जा रही है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में कुरान की तौहीन करने वाले तबके को बॉयकॉट किया जा सकता है। इस मुद्दे पर अहम बात होगी। कई खबरें अक्सर सामने आती रहती हैं जिसमें कुरान का अपमान मुस्लिम ही कर रहे होते हैं।

बता दे कि शिया सेट्रल वफ्क बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी को लेकर मुस्लिम समाज में रोष का माहौल है। यहां पर शिया ही नहीं बल्कि सुन्नी मुस्लिम भी वसीम को बॉयकॉट करना चाहते हैं। खासकर आयत वाले मुद्दे को लेकर रिजवी सबकी नजर में हैं। शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के यासूब अब्बास वसीम रिजवी की तुलना सलमान रुशदी से कर चुके हैं. इतना ही नहीं उन्होंने कहा था कि वसीम रिजवी हमेशा कुरान के खिलाफ गलत बयानबाजी करते हैं और इस्लाम को बदनाम करने का काम करते हैं।

ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष मौलाना राबे हसन रदवी ने एक बयान जारी कर मुस्लिम समाज से अपील करते हुए कहा था कि अपना वोट सोच समझकर दें। अपने मुस्तकबिल के लिए सही इंसान को सत्ता तक पहुंचाएं।

राबे हसनी नदवी ने अपने जारी किये हुए बयान में कहा था कि देश में लोकतंत्र है और हर किसी को अपना वोट अपनी समझ के हिसाब से देने का हक है। इसके लिए किसी को मजबूर नहीं किया जा सकता है। साथ ही उन्होंने कहा था कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड किसी भी राजनीतिक पार्टी की हिमायत नहीं करता है। ऐसे में लोगों को पूरा हक है कि वे अपने हिसाब से अपना वोट दें।

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मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड पहले भी कई बार अवाम से यह बात साफ कर चुका है कि अवाम खुद सोच समझ कर वोट दे और अपने इलाके के सबसे अच्छे और सही इंसान को वोट दें ताकि लोगों को सहूलियत हासिल हों और अवाम की दिक्कतें दूर हो सकें।

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