द्वादश माधव मंदिरों के जीर्णोद्धार को लेकर Allahabad HC में याचिका दायर

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Allahabad High Court

Allahabad High Court: इलाहाबाद हाई कोर्ट (High Court)में प्रयागराज के अलग-अलग क्षेत्रों में स्थित द्वादश माधव मंदिरों का जीर्णोद्धार कराने के लिए जनहित याचिका दाखिल की गई है। इसके माध्‍यम से शीघ्र कार्रवाई करने की मांग उठाई गई। क्षेत्र के टीकरमाफी आश्रम के स्वामी हरिचैतन्य ब्रह्मचारी और वरिष्ठ समाजसेवी योगेंद्र कुमार पांडेय की ओर से दाखिल जनहित याचिका में संगम क्षेत्र के चारों दिशाओं में स्थित द्वादश माधव मंदिरों का जीर्णोद्धार कराने और परिक्रमा पथ बनाने के साथ ही आवागमन का उचित प्रबंध करने की मांग भी उठाई।

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Allahabad High Court: रखरखाव की व्‍यवस्‍था दयनीय

Allahabad High Court: अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव और सुनीता शर्मा ने बताया कि धार्मिक ग्रंथों में लिखा है कि परमपिता ब्रह्माजी ने प्रयागराज में यज्ञ करके सृष्टि की संरचना की है। अंतर्वेदी, मध्यवेदी व वर्हिवेदी में श्रीवेणी माधव, वट माधव, असि माधव, मनोहर माधव, बिंदु माधव, आदि माधव, चक्र माधव, गदा माधव, पद्म माधव, शंकष्टहर माधव और शंख माधव आदि द्वादश माधव मंदिर विराजमान हैं। रखरखाव नहीं हो पाने से वर्तमान में समस्त मंदिरों की स्थिति दयनीय है।

Allahabad High Court: पुराणों में है बखान

प्रयागराज स्थित संगम में स्नान के बाद यहां बने द्वादश माधव मंदिर के दर्शन का पुराणों और धर्म ग्रंथों में अत्यधिक लाभ बताया गया है। बावजूद इसके द्वादश माधव में अधिकतर मंदिरों का रखरखाव ठीक नहीं है। इनमें से अधिकतर पर अनधिकृत रूप से कब्जा किया गया है। मंदिर जाने के मार्ग को अवरूद्ध कर दिया गया है।

Allahabad High Court: आस्‍था से जुड़ा है विषय

याचिका के माध्यम से कोर्ट को बताया गया कि प्रलय के बाद ब्रह्मा जी के द्वारा मां लक्ष्मी, मां सरस्वती के संकल्प से द्वादश माधव की स्थापना की गई थी। वर्तमान समय में परिक्रमा मार्ग में अतिक्रमण और अवैध कब्जों के कारण संत और महात्मा द्वादश माधव की त्रिकोणी परिक्रमा नहीं कर पा रहे। अधिकतर मंदिर जीर्ण शीर्ण अवस्‍था में हैं। पूरा मामला भक्‍तों की आस्‍था से जुड़ा हुआ है।

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