“अमित शाह को खेल मंत्रालय भेज दो”, मणिपुर को लेकर बोले BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी, जानिए हिंसा पर क्या कही कांग्रेस?

मणिपुर भारत का हिस्सा है या नहीं? - पूर्व सीएम

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Manipur Violence:बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी और कांग्रेस नेता जयराम रमेश
Manipur Violence:बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी और कांग्रेस नेता जयराम रमेश

Manipur Violence:मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। पिछले दिनों खुद गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य का दौरा किया था। तब उन्होंने सीएम एन. बीरेन सिंह सहित कई समुदाय के लोगों के साथ मीटिंग भी की थी लेकिन फिर भी हिंसा नहीं थमी। वहीं, बीजेपी नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने मणिपुर हिंसा को लेकर पार्टी से नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने राज्य में भाजपा सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है। उन्होंने ट्वीट कर कहा,” अब समय आ गया है कि भाजपा मणिपुर सरकार को बर्खास्त किया जाए और संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत केंद्रीय शासन लागू किया जाए। अमित शाह को खेल मंत्रालय भेजो।” इधर कांग्रेस हिंसा को लेकर लगातार बीजेपी और केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है।

Manipur Violence
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Manipur Violence:हिंसा पर पीएम मोदी खामोश हैं- जयराम रमेश

कांग्रेस ने आज प्रेस वार्ता की। इस दौरान पार्टी के नेता जयराम रमेश ने मणिपुर हिंसा को लेकर बीजेपी और मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा,”विपक्ष की 10 पार्टियों ने 10 तारीख को पीएम मोदी को एक खत भेजा था कि हम मणिपुर मामले पर आपसे मिलना चाहते हैं। आज भी इन 10 पार्टियों के प्रतिनिधि पीएम मोदी से मुलाकात के लिए इंतजार कर रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा,”22 साल पहले 18 जून 2001 को मणिपुर जल रहा था। विधानसभा, स्पीकर का बंगला, सीएम सेक्रेटेरियट जलाया गया और साढ़े 3 महीने के लिए ब्लॉक रहा। तब देश के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी थे। सभी पार्टियों की मांग पर 2 बार सर्वदलीय बैठक बुलाई गई और प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी द्वारा शांति की अपील की गई।”
जयराम रमेश ने कहा,”आज 10 पार्टियों के लोग पीएम मोदी से मिलने के लिए इंतजार कर रहे हैं लेकिन पीएम मोदी खामोश हैं।”

मणिपुर भारत का हिस्सा है या नहीं? – पूर्व सीएम

मणिपुर के पूर्व सीएम ओकराम इबोबी सिंह ने कहा,”मई से मणिपुर राज्य जल रहा है और आज भी जल रहा है। महिलाओं और बच्चों सहित 20,000 लोगों ने शिविरों में शरण ली हुई है, हर जगह हाहाकार मच गया है। हालांकि, प्रधानमंत्री ने अभी तक मणिपुर को लेकर कुछ भी जाहिर नहीं किया है। मणिपुर भारत का हिस्सा है या नहीं? अगर है तो भारत के प्रधानमंत्री ने इसके बारे में क्यों नहीं बोला? हम, दस समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों ने शांति की वकालत करते हुए एक ज्ञापन तैयार किया है। हम यहां राजनीतिक लाभ के लिए नहीं हैं; हम बस शांति चाहते हैं। कृपया हमारी मदद करें।”

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