-दया सागर

भारतीय हॉकी टीम ने एशिया कप में पाकिस्तान के खिलाफ 14 साल बाद जीत दर्ज की। इससे पहले भारतीय टीम ने 2003 के फाइनल में अपने इस चिर प्रतिद्वंदी को मात दी थी।

लगातार दो जीत से उत्साहित भारतीय टीम ने पाकिस्तानी टीम के ऊपर शुरू से दबाव बनाए रखा और 17वें मिनट में आकाशदीप के पास पर चिंगलिन साना ने खूबसूरत मैदानी गोल किया। इसके बाद भी भारत को लगातार पेनाल्टी कॉर्नर और मैदानी गोल का मौका मिलता रहा लेकिन भारतीय टीम इन मौकों को गोल में तब्दील नहीं कर सकी।

मैच के तीसरे क्वार्टर में स्ट्राइकर रमनदीप सिंह ने ऐसे ही एक मौके को भुनाया और हरमनप्रीत सिंह के लंबे पास को शानदार डाइव लगाकर गोल में उलझा दिया। इसके 2 मिनट बाद ही भारतीय टीम को पेनाल्टी कॉर्नर मिला, जिसे हरमनप्रीत ने गोल करने में कोई चूक नहीं की। इस तरह तीसरे हाफ तक भारतीय टीम 3-0 की महत्वपूर्ण बढ़त ले चुकी थी।

हालांकि पाकिस्तानी टीम ने चौथे  क्वार्टर में अपने खेल का स्तर सुधारा और कई हमले किए, लेकिन युवा गोलकीपर आकाश चिकते ने कई शानदार बचाव किए। आखिर में मैच के 49वें मिनट में पाकिस्तान को सफलता मिल ही गई, जब भारतीय रक्षापंक्ति के छोटी सी चूक का फायदा उठाते हुए पाकिस्तान के अली शान ने गोल कर दिया। इसके बाद दोनों टीमों ने गोल करने के कई प्रयास किए लेकिन कोई भी टीम सफल नहीं हो सकी।

इस तरह भारत ने यह मुकाबला  3-1 से जीत लिया और टूर्नामेंट में अपनी जीत की हैट्रिक पूरी की।।  इससे पहले उसने जापान पर 5-1 से और मेजबान बांग्लादेश पर 7-0 से आसान जीत दर्ज की थी। इस जीत के साथ भारत पूल-ए में शीर्ष पर रहा और राउंड रोबिन सुपर-4 चरण में अपनी जगह बना ली। हालांकि अगर भारत को यह खिताब जीतना है तो उसे मलेशिया और दक्षिण कोरिया जैसे टीमों को हराना होगा। इसके लिए भारत को अपने खेल के स्तर में और सुधार लाना होगा।

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