RJD ने क्यों कहा Split Personality Disorder से पीड़ित हैं क्या Nitish Kumar?

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राजद नेता तेजस्वी यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

Bihar Politics: RJD लगातार Nitish Kumar पर हमलावर रही है। हाल ही में Nitish Kumar ने एक बार फिर विशेष राज्य देने की मांग की थी। Janta Dal United पहले भी विशेष राज्य के लिए आंदोलन कर चुकी है। हालांकि BJP विशेष राज्य की मांग को नजरअंदाज करती रही है। Nitish Kumar द्वारा एक बार फिर से विशेष राज्य की मांग किए जाने को लेकर राजद ने हमला बोला है।

युवा राजद की तरफ से ट्वीट कर कहा गया है कि एक दिन कहते हैं कि पिछले 16 साल में बिहार में जबर्दस्त विकास किए हैं! नीति आयोग झूठा है! दूसरे दिन कहने लगते हैं कि विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने से विकास नहीं कर पाए! Split personality disorder से पीड़ित हैं क्या?

क्या है Split Personality Disorder?

Split Personality Disorder एक मानसिक समस्या है, जिसमें एक व्यक्ति का असल व्यक्तित्व पहचान पाना बेहद मुश्किल हो जाता है। क्योंकि एक ही व्यक्ति में दो या उससे अधिक तरह के व्यक्तित्व देखने को मिलते हैं। हर व्यक्तित्व के विचार, कार्य और व्यवहार पूरी तरह से दूसरे से अलग होते हैं। हालांकि अब तक इसके पुख्ता कारणों का पता नहीं लगा है लेकिन कई बार ऐसा होता है कि बचपन में व्यक्ति किसी ट्रॉमा से गुजरता है, जिससे कारण मन ही मन उसके भीतर कई पर्सनैलिटीज जन्म लेनी लगती हैं। इस कारण वो इन समस्याओं से जूछता है।

मनोज झा ने लाया राज्यसभा में कार्य स्थगन प्रस्ताव

जदयू के साथ ही अब राजद भी विशेष राज्य को लेकर आंदोलन के मूड में है। गुरुवार को राजद के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने राज्यसभा में कार्य स्थगन नोटिस देकर विशेष राज्य के दर्जा पर चर्चा की माँग की।

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Nitish Kumar ने क्या कहा था?

NITI आयोग द्वारा बिहार को पिछड़ा राज्य कहे जाने पर सूबे के सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा था कि उनकी कोशिशों के बाद भी राज्य में विकास की रफ्तार धीमी है। मालूम हो कि नीति आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि भारत में सबसे ज्यादा गरीबी बिहार में है। बिहार की 51.91 प्रतिशत जनसंख्या गरीब है।सीएम ने कहा था कि राज्य की आबादी के मुताबिक विकास दर नाकाफी साबित हो रही है।

विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए: Nitish Kumar

उन्होंने कहा था कि 2004-05 में प्रति व्यक्ति आय 7,914 रुपये थी, जो 2019-20 में बढ़कर 50,735 रुपये हो गई। हमारे प्रयासों के बावजूद, बिहार की जनसंख्या और क्षेत्रफल को ध्यान में रखते हुए विकास दर पर्याप्त नहीं है। NITI Aayog का कहना है कि बिहार एक पिछड़ा राज्य है। इसलिए हम मांग करते हैं विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए। उन्होंने कहा- “बिहार का सबसे पीछे होने का कारण बिहार का क्षेत्रफल देश के अन्य राज्यों में 12वें नंबर पर है और आबादी में पूरे देश में तीसरे नंबर पर है। कुछ दिन में ये दूसरे नंबर पर पहुंच जाएगा। सबसे पीछे हैं इसलिए हमने एक रिपोर्ट भेजी है ताकि और विकास हो सके”।

बिहार के मुख्यमंत्री ने आगे कहा था कि उनके कार्यकाल के दौरान राज्य ने काफी प्रगति की है। उन्होंने कहा था- “2005 के बाद से हम बिहार के विकास के लिए बहुत काम कर रहे हैं। 2004-05 में बजट 23,875 करोड़ था और 2021-22 में राज्य सरकार का बजट 2,18,000 करोड़ का है। 2004-05 में प्रति व्यक्ति आय 7,914 रुपए और 2019-20 तक ये बढ़कर प्रति व्यक्ति आय 50,735 रु. हो गयी है”।

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