प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों से ऐप के जरिये संवाद में महिला सशक्तीकरण पर जोर देते हुए कहा है कि खेती हो, डेयरी उद्योग हो या कोई अन्य क्षेत्र महिलाएं अपने हुनर से सफलता हासिल करने में पीछे नहीं हैं। मोदी ने कहा कि महिला सशक्तीकरण की जब हम बात करते हैं तो सबसे महत्वपूर्ण होता है, महिलाओं को स्वयं की शक्तियों को, अपनी योग्यता और अपने हुनर को पहचानने का अवसर उपलब्ध कराना।

उन्होंने कहा कि आज किसी भी क्षेत्र को देखें तो वहां महिलाएं बड़ी संख्या में काम करती हुई नजर आयेंगी। देश के कृषि और डेयरी उद्योग की तो महिलाओं के योगदान के बिना कल्पना ही नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि देश के ग्रामीण अंचलों, छोटे उद्यमियों और श्रमिकों के लिए स्वयं सहायता समूह बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह समूह एक तरह से गरीबों और खासकर महिलाओं की आर्थिक उन्नति का आधार बने हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि आज देश भर की एक करोड़ से ज्यादा महिलाओं से संवाद करने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि आप सब अपने आप में संकल्प, उद्यमशीलता और सामूहिक प्रयासों का एक प्रेरणादायी उदाहरण है। मोदी ने स्वयं सेवी समूहों की कार्यप्रणाली का उल्लेख करते हुए कहा कि यह समूह महिलाओं को जागरुक करने के साथ ही उन्हें आर्थिक और सामाजिक तौर पर मजबूत बनाने में भी अहम योगदान दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि दीनदयाल अंत्योदय योजना और अन्य योजनाओं के तहत देश भर की ढाई लाख ग्राम पंचायतों में करोड़ों ग्रामीण गरीब परिवारों तक पहुंचने और उन्हें स्थायी आजीविका के अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि इस योजना का देश के सभी राज्यों में शुभारंभ हो चुका है और मैं सभी राज्यों और वहां के अधिकारियों का भी अभिनंदन करना चाहूंगा जिन्होंने इस योजना को लाखों-करोड़ों महिलाओं तक पहुंचा कर उनके जीवन में सुधार लाने का काम किया है।

महिलाओं के सशक्तीकरण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने इस दिशा में कई कदम उठाये हैं। उनकी सरकार के चार साल के कार्यकाल में पहले की तुलना में चार गुना अधिक स्वयं सहायता समूह बने और इतनी ही अधिक महिलाओं को इससे जोड़ा गया है।

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