राजस्थान के बूंदी जिले के हरिपुरा ग्राम की खाप पंचायत का तुगलकी फरमान सामने आया है। यहां पंच पटेलों ने एक 5 साल की मासूम को केवल इसलिए सजा दी क्योंकि उससे टिटहरी का अंडा टूट गया। जिसके कारण मासूम को 11 दिनों तक घर से बेदखल कर दिया। अब वह घर के बाहर ही एक पलंग पर रहने को मजबूर है जिसे अब ना कोई बात करेगा ना कोई पास से खाना देगा। उसके साथ जानवर से भी ज्यादा बद-सुलूक किया जाएगा।

इतना ही नहीं अगर किसी को उस बच्ची को खाना भी देना होगा तो वह दूर से फेंक कर खाना देगा ताकि उस मासूम से कोई टच ना हो जाए। इस दर्दनाक तुगलकी फरमान के बाद ग्रामीणों में मायूसी है। परिवार डरा हुआ सहमा हुआ है। कुछ बोलना नहीं चाहता अगर बोला तो वह उनकी बेटी को सज़ा को और बढ़ा देंगे।

घटना की सूचना जिले में आग की तरह फैली तो मानो भूचाल आ गया। आनन-फानन में हिण्डोली पुलिस और जिला प्रशासन के आलाधिकारी मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली। लेकिन पुलिस देख पंच पटेल मौके से फरार हो चुके थे उन्हें केवल परिवार और पड़ोसी ही मिले।

दरअसल, छात्रा हरिपुरा के राजकीय प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने गई थी। यहां उससे टिटहरी के अंडे दिखे तो उसने हाथ लगाया। इसी दौरान एक अंडा टूट गया अंडा टूटा तो बच्चो में बात फैली और बात इतनी फैली की खाप पंचायत के पंच पटेलों तक चली गई। इसे पंचायत ने गांव के भविष्य के लिए अशुभ बताया और बच्ची के परिवार वालों को तलब किया। पंच पटेलों ने अपना फैसला सुनाते हुए बच्ची को समाज से 11 दिनों तक बेदखल कर दिया। इसके बाद पंच पटेल चले गए। इस फैसले का विरोध छात्रा के पिता ने किया तो उसे पुरे गावं में ताने मारे गए और कह दिया की ज्यादा नाटक किये तो गावं से भगा देंगे। इससे परिवार और भी डर गया और उसने फैसले के तीन दिन निकाल दिए।

बताया जाता है कि राजस्थान में टिटहरी के अंडे देने से बरसात का अनुमान लगाया जाता है। अगर टिटहरी ने खुले में अंडे दे दिए तो यह माना जाता है कि बरसात अच्छी होगी, वहीं अगर गंदी जगह स्थान पर अंडे दे दिए तो बरसात नहीं होगी।

ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

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