कश्मीर एक ऐसा मुद्दा है जिस पर भारत हो पाकिस्तान दोनों ही देश के राजनीतिक दल हमेशा भुनाते आए हैं। लिहाजा दोनों देशों के सभी राजनीतिक दलों के घोषणापत्र में कश्मीर के मुद्दे को हमेशा प्राथमिकता दी जाती रही है। ऐसे में एक हैरान कर देने वाली खबर हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान से आई है। जहां के बड़े राजनीतिक दलों के घोषणापत्र में कश्मीर का मुद्दा लगभग गायब दिख रहा है।

पाकिस्तान में आगामी 25 जुलाई को होने वाले आम चुनावों से पहले देश के सभी बड़े राजनीतिक दलों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यदि पाकिस्तान के बड़े दल- पाकिस्तान मुस्लिम लीग यानी पीएमएल-एन, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) और पाकिस्तान पिपुल्स पार्टी (PPP) के चुनावी घोषणापत्र पर नज़र डाले तो कश्मीर का जिक्र नाममात्र ही हुआ है।

वहीं कश्मीर को लेकर आक्रामक रुख रखने वाली, पाकिस्तानी सेना द्वारा परोक्ष रूप से समर्थित पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की पार्टी पीटीआई के सोमवार को जारी 58 पन्नों के घोषणापत्र में कश्मीर का जिक्र सिर्फ दो बार आया है। चार प्रमुख विदेशी मुद्दों में कश्मीर तीसरे नंबर पर है। इमरान खान की पार्टी के घोषणापत्र में कश्मीर मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्ताव के दायरे में सुलझाने के लिए ब्लूप्रिंट तैयार करने की बात कही गई है।

पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पीएमएल-एन के घोषणापत्र में चीन के साथ नजदीकी को प्राथमिकता के साथ पाकिस्तान के परमाणू हथियारों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है।

वहीं पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो की पीपीपी के घोषणापत्र में भारत के साथ संबंध को मजबूत करने व बातचीत के दौर को जारी रखने की वकालत की गई है। 62 पन्नों के घोषणापत्र में कश्मीर का मुद्दा 59वें पेज पर है।

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