Gujrat के पूर्व CM Vijay Rupani ने कल मुख्यमंत्री ( Chief Minister ) के पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि इस्तीफे की वजह साफ नहीं हुई थी। चालिए हम आपको बताते किन 5 कारणोंं के चलते BJP ने रूपाणी को मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाया है।
1.महामारी के प्रबंधन में उनकी विफलता के लिए हुई आलोचना :
कोरोना महामारी के दौरान विजय रूपाणी के नेतृत्व वाली सरकार विफल रही। महामारी के समय गुजरात के अस्पतालों में बिस्तरों और आवश्यक चिकित्सा की कमी के चलते गुजरात के उच्च न्यायालय ने भी चिंता जताई थी। कोरोना के समय रूपाणी ने हर कदम दिल्ली के हस्तक्षेप के बाद उठाया और विशेष रूप से प्रधान मंत्री प्रशासनिक मामलों के संबंध में उनसे खुश नहीं थे। इसी के चलते हो सकता है पार्टी ने उन्हेंं हटाया है।
2.पाटीदार समुदाय के कारण:
Gujratगुजरात में BJP के 99 पार्टी विधायकों में से 35 से अधिक विधायक पाटीदार समुदाय से हैं। इस शक्तिशाली समुदाय का राज्य की राजनीती और अर्थव्यवस्था पर काफी पकड़ है। इस समय कांग्रेस का नेतृत्व कर रहे हार्दिक पटेल भी पाटीदार समुदाय से आते है और इसलिए इस समुदाय को खुश करने के लिए केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया (Mansukh Mandaviya), डिप्टी सीएम नितिन पटेल (Nitin Patel) और दमन और दीव और लक्षद्वीप केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल (Praful Patel) में से किसी एक पाटीदार नेता को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
3.आनंदीबेन पटेल के चलते
आनंदीबेन पटेल की राज्यपाल के रूप में पहले मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में नियुक्ति के कारण वे राज्य की राजनीति में सक्रिय नहीं है, लेकिन इसके बावजूद पटेल का गुजरात की राजनीति में अभी भी दबदबा है। कहा जाता है कि पटेल और विजय रूपाणी की आपस में बनती नहीें है और इसी के चलते ऐसा हो सकता कि शुरू में पटेल ने रूपाणी को उनकी पसंद के किसी व्यक्ति के साथ बदलने के लिए कोई बात नहीं की हो लेकिन जैसे ही सही मौका मिला उन्होंने मुख्यमंत्री को बदलने की मांग की हो।
4.किसी दूसरे चेहरे की खोज के लिए
विजय रूपाणी ने आनंदीबेन पटेल की जगह 7 August 2016 को गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। लेकिन 2017 के गुजरात विधान सभा चुनाव में पार्टी ने जीत तो हासिल की लेकिन पहले के मुकाबले 16 सीट कम हो गई और बीजेपी को 99 सीट मिली। इसलिए पार्टी अपने रिकॉर्ड को बनाए रखने के लिए अब किसी दमदार चेहरे को गुजरात के लिए तलाश रही हो।
5.AAP के गुजरात में बढ़ते कदम
आम आदमी पार्टी ने गुजरात में आधार बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है, मुख्यमंत्री परिवर्तन का एक और महत्वपूर्ण कारण यह भी हो सकता है। पिछले फरवरी में AAP ने सूरत नगरपालिका चुनावों में 27 सीटें जीतीं, जिससे भाजपा को झटका लगा।
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