UP Election 2022: Om Prakash Rajbhar ने बांदा जेल में की Mukhtar Ansari से मुलाकात

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OP Rajbhar & Mukhtar Ansari
OP Rajbhar & Mukhtar Ansari

UP Election 2022 का वक्त जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, चुनावी सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं। सभी दल अपने-अपने हिसाब से सियासी गोटियों के सेट करने में लगे हुए हैं। तमाम तरह के जुगत लगाये जा रहे हैं कि किसी तरह से जनता का वोट अपने पाले में कर लिया जाए।

इसी क्रम में लगभग सभी छोटे-बड़े दल अपनी जमीन को तलाशने के लिए पूरे सूबे का चक्कर काट रहे हैं। कुछ ऐसे भी हैं जो सत्ता के इस समर में जनबल के साथ-साथ बाहुबल को भी लेकर चलना चाहते हैं।

ओपी राजभर चाहते हैं कि मुख्तार अंसारी उनके पाले में आ जाएं

योगी सरकार के पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर अपने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के साथ बाहुबली मुख्तार अंसारी को जोड़ने की कवायद में लगे हुए हैं। यही वजह है कि ओम प्रकाश राजभर ने बांदा जेल में बंद पूर्वांचल के माफिया मुख्तार अंसारी से मुलाकात की।

इस दौरान मुख्तार से मुलाकात के पहले राजभर ने मुख्तार दोनों बेटे अब्बास और उमर मुख्तार अंसारी से मुलाकात की। उसके बाद वो अब्बास अंसारी के साथ मुख्तार से मिलने बांदा जेल पहुंचे। खबरों मुताबिक ओम प्रकाश राजभर ने जेल में मुख्तार अंसारी के साथ पूर्वांचल में अल्पसंख्यक समुदाय के समर्थन की मांग की और मुख्तार को अपनी पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए भी कहा।

मुख्तार अंसारी का पूर्वांचल में अल्पसंख्यकों के बीच दबदबा है

मालूम हो कि बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने विधायक मुख्तार अंसारी से किनारा कर लिया है। जिसके बाद पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर मुख्तार के पास पहुंचे और उन्हें अपनी पार्टी से विधानसभा चुनाव लड़ने का न्योता दिया। पूर्वांचल की राजनीति के जानकार इस मुलाकात के कई मायने निकाल रहे हैं।

दरअसल बाहुबली मुख्तार अंसारी का गाजीपुर, मऊ और कुछ हद तक वाराणसी की सीटों पर अल्पस्ख्योकं के बीच अच्छाखासा प्रभाव माना जाता है। इसलिए ओपी राजभर चाहते हैं कि मुख्तार इस चुनाव में इनकी पार्टी का सपोर्ट करें ताकि पूर्वांचल में राजभर वोटों के साथ-साथ अल्पसंख्यक वोट भी उनकी झोली में आ गिरे और वो पूर्वांचल की राजनीति में निर्णायक दल साबित हो सकें।

ओपी राजभर और मुख्तार की मुलाकात से सपा की स्थिति पर भी पड़ेगा प्रभाव

लेकिन इसके साथ ही यह बात भी स्पष्ट है कि पूर्वांचल के ज्यादातर जिलों में समाजवादी पार्टी का भी अपना प्रभुत्व है, ऐसे में राजभर का मुख्तार से मिलना इस बात का संकेत दे रहा है कि वह अखिलेश यादव से सीटों के बंटवारे पर बराबरी के लहजे में बात करना चाहते हैं।

अब देखना है कि समाजवादी पार्टी ओम प्रकाश राजभर के मुख्तार के साथ इस मुलाकात को किस तरह से लेती है। वहीं दूसरी ओर राजनीति कुछ और जानकार इस मामले में अपनी अलग थ्योरी पेश कर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी चाहते हैं कि ओपी राजभर मुख्तार से मिलें और उनसे बात करके वो उन्हें अपने पाले में ले लें।

इससे वो बसपा और कांग्रेस के पास अल्पसंख्यों की संभावना पर ब्रेक लगा सकते हैं। अब आने वाले समय में पूर्वांचल का समीकरण कैसा होता है, यह तो कहना मुश्किल है लेकिन उत्तर प्रदेश की सियासत में ओपी राजभर और मुख्तार के इस मुलाकात के दूरगामी परिणाम निकल सकते हैं।

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