पटना के ‘आसरा’ शेल्टर होम की  दो  लड़कियों  की संदेहास्पद मौत के बाद एक बार फिर नीतीश सरकार निशाने पर है। मुजफ्फऱपुर मामले में पहले हीं मुख्य आरोपी के बड़े राजनीतिक कनेक्शन की बात सामने आ चुकी है और अब पटना शेल्टर होम मामले में भी ऐसी हीं बातें निकल कर सामने आ रही है।  पुलिस ने इस मामले में चार पर एफआईआर दर्ज  कर ‘आसरा गृह’ के संचालक सचिव चिरंतन कुमार और कोषाध्यक्ष मनीषा दयाल को गिरफ्तार किया है। मनीषा की गिरफ्तारी के बाद सियासी हलके में हचलच है ।

दरअसल, मनीषा दयाल के कनेक्शन हाई प्रोफाइल लोगों से हैं।  इस हाई प्रोफाइल लोगों में राजनेता से लेकर पुलिस अफसर तक शामिल हैं। मनीषा के फेस बुक एकाउंट से भी इस कनेक्शन का पता चलता है। मनीषा दयाल के फेसबुक अकाउंट पर नेताओं की तस्वीर वायरल होने के बाद सियासी गलियारे में हड़कंप है। मनीषा दयाल एक बड़े राजनेता और पूर्व मंत्री की रिश्तेदार बतायी जाती हैं। मनीषा दयाल का असली नाम मनीषा वर्मा है ।

उनका फेसबुक अकाउंट भी मनीषा डॉट वर्मा डॉट 7330 के नाम से है । कुछ ही वर्षों में मनीषा दयाल का पॉलिटिकल कनेक्शन सूबे के कई दलों के नेताओं से हो गया। उनके फेवरेट क्लब में कई दलों के नेताओं से सीधा रिश्ता बन गया। गरीब और बेसहारा लड़कियों के लिए आसरा शेल्टर होम चलाने वाली मनीषा के फेसबुक अकाउंट पर सिर्फ बड़े-बड़े लोगों के साथ ही तस्वीरें हैं ।

राजधानी के बड़े-बड़े होटलों में तीज और सावन मिलन के नाम पर बड़े-बड़े शो और खाने-पीने का भरपूर इंतजाम करनेवाली मनीषा दयाल उर्फ मनीषा वर्मा के साथ जदयू नेता श्याम रजक, राजद नेता शिवचंद्र राम, पटना की मेयर सीता साहू, बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह समेत सूबे के कई बड़े अधिकारियों की पत्नियों की तस्वीर फेसबुक पर पोस्ट की गयी हैं।जबकि आरजेडी प्रवक्ता भाई वीरेंद्र और कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने बयान दिया है कि नेताओं के साथ कोई भी तस्वीर ले सकता है। वहीं श्याम रजक ने इस मामले में कहा है कि मैं राज्य और राजधानी के सभी कार्यक्रमों में जाता हूं, किस प्रोग्राम में कौन फोटो किसके साथ खींच रहा है उससे हमको कोई मतलब नहीं रहता है।

मनीषा दयाल उर्फ मनीषा वर्मा की पार्टियों में शामिल होनेवाले और उनके साथ तस्वीरें खिंचवाने वाले हाई प्रोफाइल लोगों और राजनेताओं ने तस्वीरें वायरल होने के बाद सफाई देनी भी शुरू कर दी है। इवेंट मैनेजमेंट से जुड़ी मनीषा के आयोजन में शिरकत करने की बात नेताओं और हाई प्रोफाइल लोग बता रहे हैं। दरअसल, मनीषा दयाल उर्फ मिलि, ग्लैमर और सियासी कलेक्शन। शुरुआती दौर से ही मनीषा का ग्लैमर से नजदीकी नाता रहा है। शुरू में उसने मॉडलिंग भी की। बाद में कई मॉडलिंग प्रतियोगिता करवाने में भी मनीषा का नाम सामने आया। खेल प्रतियोगिताओं में भी मनीषा की दिलचस्पी थी। बड़ी सिफारिश होने के कारण ही मनीषा के एनजीओ को आसरा गृह चलाने का काम मिला था।

खबर यहां तक है कि आगे भी उसे कई बड़े काम मिलने वाले थे। बड़ी पैरवी का ही असर था कि चार लड़कियों के भागने की कोशिश करने के बावजूद मनीषा के एनजीओ के ऊपर एफआईआर दर्ज नहीं की गयी थी। जबकि उस रोज भी एनजीओ की लापरवाही सामने आयी थी। मनीषा की पहचान  पटना की जानी मानी समाज सेविका के रुप में रही हैं और अनुमाया ह्यूमन रिसोर्स फाउंडेशन ( एएचआरएफ) की सचिव मनीषा दयाल को  बिहार की आयरन लेडी और युवाओं की प्रेरणाश्रोत माना जाता रहा है। मनीषा अपने बारे में कहती रही हैं कि मौके मिलते नहीं, बनाये जाते हैं

बिहार के गया शहर की रहने वाली मनीषा दयाल ने गया शहर से इंटरमीडियट की पढ़ाई की और उसके बाद वर्ष 1995 में राजधानी पटना आ गयी। मनीषा  डॉक्टर बनना चाहती थी इसीलिए उन्होंने मेडिकल में दाखिला ले लिया। लेकिन वह किन्ही वजहों से मेडिकल की पढ़ाई नही पूरी कर सकीं। वर्ष 1996 में बिजनेस मैन जीवन वर्मा से मनीषा दयाल की शादी हो गयी।

कुछ दिनों तक वह परिवार में रमी रहीं उसके बाद  वह समाज सेवा से जुड़ीं। उन्होंने फिर से पढ़ाई शुरू की और वर्ष 1996 में बीकॉम में दाखिला ले लिया और इसकी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने एमबीए फाइनांस की शिक्षा भी हासिल की। मनीषा अपने पति के कदम से कदम मिलाकर चलने लगी और वर्ष 1997 में गारमेंट फैक्ट्री की नींव रखी। मनीषा कंपनी में फायनांस और मार्केटिंग काम देखने लगी। फैक्ट्री से बने कपड़े बिहार के साथ ही झारखंड और पश्चिम बंगाल में निर्यात किये जाते हैं।

ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

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