125 करोड़ की आबादी वाले भारत देश के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग तरह के रीति रिवाज और परंपरा को माना जाता है। कई बार इन परंपराओं के नाम पर लोगों को काफी पीड़ा भी झेलनी पड़ती है। ऐसी ही एक घटना राजस्थान के जैसलमेर से सामने आई है। यहाँ के एक व्यक्ति को 4 दिन तक कड़ी धूप और गर्मी में घर से बाहर खुले मैदान में पेड़ से बांध दिया गया। उस व्यक्ति का कसूर सिर्फ इतना था कि वो अपनी मां को अपने साथ रखना चाहता था और उसकी पत्नी ऐसा नहीं चाहती थी। पति की इस मांग से खफा पत्नी ने पंचायत बुला ली और पंचायत ने फैसला सुनाया कि उस व्यक्ति को 7 दिन तक पेड़ से बांधकर रखा जाए और पत्नी रोजाना 2 थप्पड़ मारे। मीडिया में इस ख़बर के फैलने के बाद मंगलवार को पुलिस ने मामले में संज्ञान लिया और पति को 4 दिन के बाद बंधन से मुक्त कराया। पुलिस पंचों के खिलाफ भी कार्रवाई कर रही है।

दरअसल, यह घटना जैसलमेर के पोकरण के खींवसर गांव की है। पीड़ित धन्नाराम अपनी पत्नी गंगा के साथ इसी गांव में रहता था। पिछले कुछ समय से पति-पत्नी के बीच बूढ़ी मां को साथ रखने की वजह से विवाद चल रहा था। धन्नाराम चाहता था कि मां उसके साथ रहे जबकि उसकी पत्नी गंगा ऐसा नहीं चाहती थी। इसे लेकर दोनों के बीच अक्सर झगड़ा होता रहता था। इसी बात पर चार दिन पहले दोनों के बीच बात कुछ ज्यादा बिगड़ गई तो पत्नी ने अपने मायके से कुछ पंचों और कुछ स्थानीय पंचों को बुलाकर पंचायत बुला ली।

पंचों ने धन्नाराम को सात दिन तक कड़ी धूप में बांधकर उसी की पत्नी को बोल दिया कि रोज दो चांटे मारना, अपने आप सुधर जाएगा। तब से धन्नाराम पेड़ से बंधा हुआ था और उसकी 70 वर्षीय मां पेड़ के नीचे बंधे अपने बेटे को खाना खिलाती और उसकी देखभाल करती रही।

पंचों ने पड़ोसियों और गांव वालों को भी कह दिया कि कोई धन्नाराम को नहीं खोलेगा न ही उसकी मदद करेगा। अगर किसी ने ऐसा किया तो उसे समाज से बहिष्कृत कर दिया जाएगा। धन्नाराम की पत्नी गंगा का कहना है कि मेरे पति और सास अक्सर मेरे साथ गाली गलौज करते रहते थे। मेरा पति कभी पत्थर भी मार दिया करता था, तब मैंने पीहर बुड़किया से यहां के लोगों की मदद से उसे पेड़ से बंधवा दिया।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here