सब पढ़ें, सब बढ़ें। लेकिन सब तभी पढ़ पड़ पाएंगे जब उनको शिक्षा की पूरी व्यवस्था मिलेगी। स्कूल मिलेंगे, टीचर्स मिलेंगे, किताबें मिलेंगी और शांत वातावरण मिलेगा। लेकिन केदारनाथ में बच्चों को व्यवस्था तो अच्छी मिल रही थी लेकिन शांत वातावरण नहीं मिल पा रहा था जिसके कारण उनकी पढ़ाई में बाधा पहुंच रही थी। दरअसल, केदारनाथ यात्रा में केदारघाटी के आसमान में दिनभर उड़ान भरने वाले हेलीकॉप्टर्स के तेज शोर से यहां के स्कूलों में पठन-पाठन और शिक्षणेत्तर गतिविधियां काफी प्रभावित होती थीं। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। यहां हेलीपैड के नजदीकी प्राथमिक से माध्यमिक स्कूलों के कक्षों को साउंड प्रूफ बनाया जा रहा है। इन कक्षों को तैयार करने की जिम्मेदारी प्रशासन द्वारा हेली कंपनियों को सौंपी गई है। खबरों के मुताबिक, रुद्रप्रयाग जिले के 9 सरकारी स्कूलों के क्लासरूम को साउंडप्रूफ बनाया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि ये 9 स्कूल छह महीने लंबी चलनी वाली चारधाम यात्रा के उस रूट पर पड़ते हैं जिसपर हेलिकॉप्टर यात्रियों को लेकर केदारनाथ जाते हैं। हेलीकॉप्टर की आवाज से छात्रों और शिक्षिकों को काफी परेशानी होती थी। ऐसे में केदारनाथ के पास स्थित फाटा, गुप्तकाशी, गौरीकुंड, सोनप्रयाग और नारायणकोटि जैसी जगहों के सरकारी स्कूलों के स्टूडेंट्स ने शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि इन हेलिकॉप्टरों की वजह से काफी शोर झेलना पड़ता है। रोजाना करीब 60 ट्रिप लगाने वाले हेलिकॉप्टरों के शोर में उनके शिक्षकों की आवाज दबकर रह जाती है।
तीन कंपनियों द्वारा स्कूल भवनों में कक्षाओं को साउंड प्रूफ बनाने का कार्य अंतिम चरण में हैं। यात्राकाल में केदारघाटी के आसमान में दिनभर उड़ान भरते हेलीकॉप्टर्स से शोर आम बात है।