भारत आज अपन 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। सभी के दिलों पर तिरंगा राज कर रहा है। राजपथ पर देश के अलग-अलग राज्यों की संस्कृति की झलक दिखाई दी। हर बार की तरह इस बार भी जवानों का जोश हाई दिखा। कोरोना के कारण कई नियोमों बदलाव किया गया था। लेकिन गणतंत्र दिवस का रंग फीका नहीं पड़ा। देश की बेटियों ने राजपथ पर अपना दम दिखाया। गणतंत्र दिवस के पीछे क्या राज इसकी कहानी आज हम आप को यहां बताएंगे।

29 जनवरी 1950 को संविधान हुआ था लागू

आजादी के बाद भारत में 26 जनवरी 1950 को सविधान लागू हुआ था। देश में संविधान की स्थापना दिवस के रूप में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। देश का पहला गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 1950 को मनाया गया था। जिसके बाद हर साल इसे बड़े ही खुशी के साथ मनाया जाता है।

गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली के इंडिया गेट पर भव्य परेड का आयोजन किया जाता है। इंडिया गेट पर देश के राष्ट्रपति ध्वजारोहण करते हैं। परेड में देश की तीनों सेना (थल सेना, नौ सेना, वायु सेना) का दल भाग लेता है। इसके साथ ही देश के विभिन्न राज्यों की झलक दिखाती हुई झांकियों का भी प्रदर्शन किया जाता है।

भारत को पूर्ण गणराज्य का दर्जा

देश में गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय पर्व की तरह मनाया जाता है। इस दिन भारत में भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को निरस्त कर नया सविंधान लागू करते हुए नए संविधान को पारित कर दिया था। सबसे पहले 26 जनवरी 1929 को लाहौर कांग्रेस अधिवेशन में भारत को पूर्ण गणराज्य का दर्जा दिलाने का प्रस्ताव पेश किया गया था.

हालांकि उस समय अंग्रेजों ने कांग्रेस अधिवेशन के इस प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया था। इसके बाद 26 जनवरी 1930 को कांग्रेस भारत को पूर्ण गणराज्य की घोषणा कर दी थी। वहीं संविधान निर्माण की शुरुआत 9 दिसंबर 1946 को हुई थी जिसके निर्माण में कुल 2 साल 11 महिने 18 दिन लग गए।

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