Sushil Modi अपने बयान को लेकर एक बार फिर से चर्चा में हैं। उन्होंने कहा है कि NITI Aayog की रैंकिंग का आधार बदलना चाहिए। उनके बयान के बाद से सोशल मीडिया में लोग तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं। एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि सिर्फ NITI Aayog की रैंकिंग का आधार ही न बदले बल्कि बिहार का नाम ही केरल कर देना चाहिए।
एक अन्य ट्विटर यूजर (@brajvaishali) ब्रजकिशोर सिंह बादल ने लिखा कि बाल्टी को उलट दो साब नीचे का पानी ऊपर हो जाएगा। नाच न जाने आंगन टेढ़ा।
किशोर झा नाम के यूजर ने तंज करते हुए लिखा कि नीति आयोग भी लग रहा लालू यादव संचालित कर रहे हैं सुमो जी। एक बार आप लालू यादव का नाम लीजिए फिर देखिए कुछ सुधार हो बिहार के रैंकिंग में। कर के देखिए।
सुशील मोदी का क्या है पूरा बयान?
BJP नेता ने कहा था कि नीति आयोग की जिस रिपोर्ट का हवाला दिया जाता है, वह एक तो 2015-16 के छह साल पुराने आंकड़ों पर आधारित है।नीति आयोग को आबादी, संसाधन और क्षेत्रफल जैसे आधार पर राज्यों का वर्गीकरण करना चाहिए ।
फिर प्रत्येक वर्ग की प्रगति का आकलन करते समय यह भी ध्यान रखना चाहिए कि दस साल पहले वह राज्य दस मुख्य मानकों पर कहां खड़ा था।
‘नयी पद्धति विकसित होनी चाहिए’
राज्यों के आकलन की नयी पद्धति विकसित होनी चाहिए।दूसरे वह रिपोर्ट देश के पंजाब-गुजरात जैसे सम्पन्न राज्यों, गोवा-उत्तराखंड जैसे छोटे राज्यों और बिहार-उड़ीसा जैसे पिछड़े राज्यों की भिन्न आर्थिक-भौगोलिक परिस्थितियों का कोई आकलन नहीं करती।आयोग को राज्यों से परामर्श कर विकास की गति मापने वाले नये पैमाने बनाने चाहिए। नीति आयोग यदि इस आधार पर कोई रैंकिंग रिपोर्ट जारी करे कि सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, कानून-व्यवस्था और प्रति व्यक्ति आय जैसे मानकों पर किसी राज्य ने 10 साल में कितनी प्रगति की है, तो इसमें बिहार सबसे आगे होगा।
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