आधार को मोबाइल फोन से लिंक कराने के विरोध में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ममता को फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने ममता बनर्जी को डांट लगाते हुए कहा कि वे इस मामले पर व्‍यक्‍तिगत रूप से याचिका दायर करें। कोर्ट का कहना है कि केंद्र द्वारा पारित कानून को राज्‍य सरकार कैसे चुनौती दे सकता है।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने कल्याणकारी योजनाओं में आधार की अनिवार्यता के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। दाखिल याचिका पर आज सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सांसद और वरिष्ठ वकील कल्याण बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार ने उस नियम को चुनौती दी है जिसमें बिना आधार कार्ड के जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने अब केंद्र को नोटिस जारी करते हुए 4 हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा है। टेलीकॉम कंपनियों को भी कोर्ट ने नोटिस भेजा है। कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि इन मामलों पर विचार करना जरूरी है लकिन राज्य सरकार केंद्र के द्वारा पास एक्ट की वैधता को कैसे चुनौती दे सकता है?

इसके अलावा कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका में संशोधन करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि कल को केंद्र भी राज्य सरकार के कानूनों को चुनौती दे सकती है। ऐसे में राज्य सरकार का संसद के कानूनों चुनौती देना कहां तक उचित है? इसलिए सरकार कानून को चुनौती देने की बजाए अपने याचिका में संशोधन करे। पश्‍चिम बंगाल सरकार अब इस याचिका को दोबारा संशोधित कर फाइल करेगी।

बता दें कि टेलिकॉम डिपार्टमेंट (DoT) ने एक नोटिफिकेशन में कहा है कि 23 मार्च तक सभी लोग अपने मोबाइल नंबरों को आधार से लिंक करा लें। 25 अक्टूबर को केंद्र सरकार की नीतियों पर ममता ने कहा था कि मैं बिल्कुल ऐसा नहीं करूंगी, चाहे मेरा मोबाइल कनेक्शन बंद हो जाए। मैं ज्यादा से ज्यादा लोगों से कहूंगी कि वे इसी तरह अपना विरोध जताएं। उन्होंने कहा था कि मोबाइल को आधार से लिंक कराना प्राइवेसी में दखलंदाजी है। इससे पति-पत्नी के बीच निजी बातचीत भी सार्वजनिक हो सकती है। ममता ने कहा कि जबकि कुछ निजी मामले ऐसे होते हैं, जिन्हें पब्लिक नहीं किया जा सकता।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here