ND Tiwari: 17 की उम्र में जेल जाने वाला नेता, दो राज्यों का रहा सीएम; कभी पीएम की रेस में रहने वाले के करियर का सेक्स सीडी से हुआ अंत

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ND Tiwari: 17 की उम्र में जेल जाने वाला नेता, दो राज्यों का रहा सीएम; कभी पीएम की रेस में रहने वाले के करियर का सेक्स सीडी से हुआ अंत
ND Tiwari: 17 की उम्र में जेल जाने वाला नेता, दो राज्यों का रहा सीएम; कभी पीएम की रेस में रहने वाले के करियर का सेक्स सीडी से हुआ अंत

ND Tiwari यानी नारायण दत्त तिवारी। कांग्रेस के वो दिग्गज नेता जो इकलौते ऐसे नेता हैं जो देश के दो राज्यों के मुख्यमंत्री रहे। उन्हीं एनडी तिवारी का आज जन्मदिन है। 18 अक्टूबर, 1925 को नैनीताल में जन्मे तिवारी उन नेताओं में शुमार हैं जो पीएम की कुर्सी पाते-पाते रह गये। 1991 में पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या के बाद प्रधानमंत्री पद के लिए जिन लोगों के नामों पर चर्चा थी, उनमें एनडी तिवारी का नाम भी शामिल था। तिवारी एक ऐसी शख्सियत हैं, जिन्होंने एक लंबी सियासी पारी खेली।

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ND Tiwari

ND Tiwari ने देश की आजादी के साथ रखा राजनीति में कदम

तिवारी महज 17 साल के थे जब उन्हें अंग्रेजी सरकार की नीतियों का विरोध करने के लिए जेल जाना पड़ा। उनके पिता पूर्णानंद तिवारी भी असहयोग आंदोलन के दौरान जेल जा चुके थे। पढ़ने-लिखने के मामले में अव्वल रहे तिवारी ने एमए में टॉप किया था। बाद में साल 1947 में वे इलाहाबाद यूनिवर्सिटी छात्र संघ अध्यक्ष भी रहे। कहा जा सकता है कि देश की आजादी के साथ ही तिवारी ने राजनीति में कदम रखा।

आजादी के बाद, 1952 में जब यूपी में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए तो ND Tiwari ने नैनीताल सीट से जीत दर्ज की। उस समय वे प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के टिकट से चुनाव लड़े थे। जीत का सिलसिला 1957 में भी बना रहा। 1965 तक आते-आते वे कांग्रेस में शामिल हो चुके थे। इस बार जब चुनाव हुआ तो वे काशीपुर से जीते और राज्य सरकार में मंत्री बना दिए गए। सीएम बनने से पहले तिवारी चौधरी चरण सिंह की राज्य सरकार में भी मंत्री रहे।

ND Tiwari

जब देश में आपातकाल लगा तो पीएम इंदिरा गांधी ने ND Tiwari को यूपी का मुख्यमंत्री बनाया। माना जाता है कि गांधी परिवार के करीबी होने के चलते तिवारी को सीएम बनाया गया था। 1977 में उनकी कुर्सी आपातकाल के चलते चली गयी। इसके बाद 1980 में जब आम चुनाव हुए तो तिवारी भी सांसद बने। उन्हें केंद्र में मंत्री बनाया गया। 1984 में इंदिरा गांधी ने फिर से उन पर भरोसा जताया और सीएम की कुर्सी सौंपी।

हालांकि 1985 में राजीव गांधी ने ND Tiwari की जगह वीर बहादुर सिंह को सीएम बना दिया और तिवारी को केंद्र में बुला लिया। राजीव गांधी सरकार में तिवारी को वित्त मंत्री और विदेश मंत्री बनाया गया। कुछ समय के लिए राजीव गांधी ने भी तिवारी को यूपी का सीएम बनाया लेकिन 1989 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार हुई और तिवारी का सीएम कार्यकाल खत्म हो गया।

1991 में ND Tiwari का नाम पीएम पद की रेस में था। राजीव गांधी की हत्या हो चुकी थी। उस समय नरसिम्हा राव के सामने अर्जुन सिंह, शरद पवार और तिवारी जैसे दिग्गज थे। लेकिन राव ने सबको चित कर दिया। राव के पीएम रहते तिवारी ने कांग्रेस से किनारा कर लिया। हालांकि जब सोनिया गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष पद की कुर्सी संभाली तो तिवारी ने भी कांग्रेस में वापसी की।

ND Tiwari

2002 में जब नव गठित राज्य उत्तराखंड में चुनाव हुए तो कांग्रेस की जीत हुई। कांग्रेस आलाकमान सोनिया ने तिवारी को सीएम बनाया। इस तरह तिवारी इकलौते ऐसे नेता बन गए जो दो राज्यों के सीएम पद पर रहे। 2007 में कांग्रेस की उत्तराखंड में हार हुई तो सोनिया गांधी ने तिवारी को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल बना दिया। हालांकि सेक्स सीडी मामला सामने आने के बाद तिवारी को राज्यपाल पद से इस्तीफा देना पड़ गया।

ND Tiwari के निजी जीवन की बात करें तो साल 2011 में डीएनए जांच से पता चल गया कि रोहित शेखर, तिवारी के बेटे हैं और उज्ज्वला सिंह शर्मा रोहित की मां हैं। दरअसल तिवारी लंबे वक्त तक रोहित और उज्ज्वला से रिश्ते को नकराते रहे। तिवारी की पहली पत्नी के मरने के बाद उज्ज्वला और रोहित ने अपना अधिकार मांगना चाहा लेकिन तिवारी बदनामी के डर से बचते रहे। बाद में कोर्ट की दखल के बाद डीएनए जांच हुई। सच साबित होने के बाद तिवारी ने 88 साल की उम्र में उज्ज्वला से शादी की और रोहित को अपनाया। अपने 93वें जन्मदिन यानी 18 अक्टूबर 2018 को राजनीति के इस दिग्गज का निधन हो गया।

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