बेइंतहा महंगाई की वजह से लगातार आलोचना का सामना कर रही मोदी सरकार अब इससे उबरने के उपायों पर चर्चा शुरू करने जा रही है। वित्त मंत्री अरुण जेटली आज वित्त मामलों से जुड़े बड़े अधिकारियों के साथ बैठक कर इस सिलसिले की शुरुआत करेंगे। इसमें वर्तमान आर्थिक हालात की समीक्षा और विकास की रफ्तार तेज करने के उपायों पर चर्चा की जाएगी। इससे पहले खबर आई थी कि इस हाई प्रोफाइल मीटिंग में पीएम मोदी भी हिस्सा लेंगे, लेकिन अब उनके जुड़ने के खबरों को विराम लग चुका है। अब वित्त मंत्री अरुण जेटली ही इसकी अध्यक्षता करेंगे।
हाल के दिनों में आर्थिक मोर्चे पर सरकार लगातार विफल रही है और उसे सवालों का सामना करना पड़ा है। खासकर पहली तिमाही में जीडीपी के गिरावट के बाद विपक्ष ने इसके लिए नोटबंदी के फैसले को जिम्मेदार ठहराया है। इसके अलावा पेट्रोल डीजल के दाम भी पिछले कई सालों के उच्चतम स्तर पर हैं। वहीं सरकार युवाओं को रोजगार देने में भी नाकाम रही है। इसलिए सरकार अर्थव्यवस्था को फिर से रफ्तार देने के उपायों पर मंथन करतेगी।
इस बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली 6 सवालों के हल ढूंढ़ने की कोशिश करेंगे। जिसमें गिरती जीडीपी, पेट्रोल डीजल के बढ़ते दाम, घटते रोजगार के अवसर, मेक इन इंडिया और नोटबंदी के फायदे या नुकसान और ब्लैक मनी से सम्बंधित विषय शामिल होंगे।
नोटबंदी के तीन फायदे
नोटबंदी के तीन फायदे गिनाते हुए जेटली ने कहा कि कुछ जमात में समझ की कमी है और वह नोटबंदी की सफलता केवल इससे मापते हैं कि कितना नोट बैंकों में पहुंचा।
गूगल के नए डिजिटल भुगतान एप ‘तेज’ को लांच के मौके पर वित्त मंत्री ने कहा, “मेरे पास नोटबंदी की सफलता को मापने के तीन पैमाने हैं। पहला, हम एक समय में आरबीआई द्वारा छापे गए नोटों के परिचालन को कितना कम कर पाए। दूसरा, नोटबंदी के प्रभाव के बाद हम कर दायरे में कितने लोगों को ला पाए और तीसरा पैमाना डिजिटल लेन-देन को कितना बढ़ावा मिला।