रेल मंत्रालय का मानना है कि अगर ट्रेन हादसों पर रोक लगानी हो तो रेलवे विभाग को अत्यधिक कुशल कर्मचारियों, बेहतर तकनीक और मशीनरी की जरूरत होगी। जिससे रेलवे में हद तक सुधार की गुंजाइश बढ़ जाएगी। जिसे देखते हुए नए रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। उन्होंने रेलवे में 1 लाख नई भर्तियों की सौगात दे दी है।
बता दें यह भर्ती सेफ्टी कैटेगरी में जूनियर और सीनियर सेक्शन इंजीनियरों की भर्ती करेगा। इसके लिए रेलवे रिक्यूपमेंट बोर्ड चयन परीक्षा का आयोजन करेगा। इसके अलावा तीन महीने के भीतर ग्रुप सू के 50 फीसदी पदों की भर्ती आरआरबी (RRB) और ग्रुप डी के पदों को आरआरबी और आरआरसी (RRC) के जरिए भरा जाएगा।
गौरतलब है पिछले कई महीनों में रेलवे विभाग से लगातार ट्रेन हादसों की खबरे सामने आ चुकी है। कहीं ट्रेन पटरी से उतरने की खबर तो कहीं ट्रेनों के पलटने की खबर। रेल हादसे इतने बढ़ गए थे कि तत्कालीने रेल मंत्री सुरेश प्रभु को इस्तीफा देना पड़ा। उनके बदले नए रेल मंत्री पीयूष गोयल को रेल विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई।
हाल ही में रेल मंत्री पीयूष गोयल की रेलवे बोर्ड के साथ हुई बैठक में यह सहमति बनीं कि रेल विभाग में कर्माचारियों की कमी, रेल हादसों की वजह है। बैठक में सेफ्टी श्रेणी के कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए दोनों को जरूरत पड़ने पर कांट्रैक्ट के आधार पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों की सेवाएं लेने को भी कहा गया।जहां तक संभव हो कर्मचारियों के इंटरजोनल ट्रांसफर अनुरोधों को लटकाने के बजाय उन पर 15 दिनों के भीतर निर्णय लिया जाना चाहिए। बोर्ड ने पायलट और लोको पायलटों के विश्राम, आवास और खानपान संबंधी दिक्कतों का तुरंत समाधान किए जाने के निर्देश दिए हैं।
ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन के महासचिव शिवगोपाल मिश्रा ने मीडिया से बात करते हुए रेलवे के इस फैसले पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि देर से ही सही मगर बात समझ में आ गई।