CBSE और CISCE के 10वीं और 12वीं की टर्म 1 परीक्षाओं को offline mode में कराने के खिलाफ छात्र पहुंचे Supreme Court

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Students will not fail in the eighth, Cabinet announces 'no-detention policy'

CBSE और CISCE के 10वीं और 12वीं के छात्र टर्म 1 परीक्षाओं को केवल ऑफलाइन मोड में कराने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गये हैं।

सुप्रीम कोर्ट में कुल 6 याचिकाकर्ताओं ने अपने दलील में कहा कि परीक्षा हाइब्रिड मोड-ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों में आयोजित होनी चाहिए।

CBSE और CISCE दोनों ने 2021-22 की बोर्ड परीक्षएं दो बार में लेने का फैसला किया है। CBSE टर्म 1 बोर्ड परीक्षा 16 नवंबर से माइनर पेपर के साथ शुरू होगी वहीं CISCE की कक्षा 10 की परीक्षा 22 नवंबर से शुरू होगी।

कोरोना खतरे को देखते हुए CBSE और CISCE के छात्र पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

छात्रों की याचिका में सुप्रीम कोर्ट से CBSE और CISCE के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के लिए तत्काल आदेश देने की मांग की गई है।

एडवोकेट सुमंत नुकाला ने दायर अपनी याचिका में कहा कि छात्रों की मांग है कि जैसा कि देश में फिर से COVID-19 के मामले बढ़ रहे हैं, इसलिए ऑनलाइन मोड में परीक्षा देने का विकल्प होना चाहिए।

इस मामले में छात्रों के अभिवावकों का तर्क है कि कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है। इसके अलावा अभी तक छात्रों का वैक्सीनशन भी नहीं हुआ है इसलिए परीक्षा के मामले में अभी सावधानी बरतने की जरूरत है।

अभिवावकों की मांग है कि CBSE व ICSE बोर्ड एग्जाम सिर्फ ऑफलाइन ले रहे हैं, जबकि यह निर्णय उनको पैरेंट्स के ऊपर छोड़ देना चाहिए।

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