State Assembly Election 2022: चुनाव आयोग और स्वास्थ्य मंत्रालय की बैठक, विधानसभा चुनाव पर संकट के बादल

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State Assembly Election 2022: सोमवार को चुनाव आयोग और स्वास्थ्य मंत्रालय की अहम बैठक है। बैठक में कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के खतरे के बीच 2022 में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में होने जा रहे विधानसभा चुनाव पर चुनाव आयोग कई महत्वपूर्ण फैसला ले सकता है। गौरतलब है कि मार्च 2022 में इनमें से चार राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है जबकि उत्तर प्रदेश की विधानसभा का कार्यकाल मई 2022 में समाप्त होगा।

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Omicron Covid-19 Variant पर होगी विस्तृत चर्चा

चुनाव आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया से कहा कि बैठक में ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Covid-19 Variant) के विश्वभर में बढ़ रहे संक्रमण और भारत में आने वाले दिनों में इसके खतरे पर विस्तृत चर्चा होगी।स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण चुनाव आयोग को इस बात की जानकारी देंगे कि राज्यों में कोरोना वायरस की स्थिति क्या है? राज्य सरकारों को केंद्र सरकार की ओर से क्या हिदायत दी गई हैं?

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चुनाव आयोग

गौरतलब है कि चुनाव आयोग की बैठक में ओमिक्रॉन के तेजी से बढ़ने पर आने वाली कठिनाइयों पर भी विशेष बातें हो सकती हैं। बता दें कि चुनाव आयोग बैठक के बाद चुनाव कुछ दिनों तक टालने संबंधित फैसले भी ले सकता है। सोमवार को होने जा रही इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय के कई अधिकारी शामिल होंगे। चुनाव आयोग इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से की गई अपील के संबंध में भी स्वास्थ्य सचिव से विचार-विमर्श करेगा।

State Assembly Election 2022: हाईकोर्ट ने जताई थी चिंता

दरअसल, तीन दिन पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग से कोरोना के हालात देखकर विधानसभा चुनावों को फिलहाल टालने की अपील की थी। इसके बाद मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने अगले सप्ताह उत्तर प्रदेश के दौरे के बाद फैसला करने की घोषणा की थी।

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Allahabad High Court

दरअसल, हाईकोर्ट ने तीन दिन पहले कहा था कि दूसरी लहर में लाखों की संख्या में लोग कोरोना संक्रमित हुए और लोगों की मृत्यु हुई। ग्राम पंचायत चुनाव और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव की वजह से लोग संक्रमित हुए। अब यूपी समेत कई राज्यों में विधानसभा चुनाव निकट हैं। सभी पार्टियों की ओर से रैली, जनसभाएं कर भीड़ जुटा रही हैं। अगर इसे समय से नहीं रोका गया तो परिणाम दूसरी लहर से कहीं अधिक भयावह होंगे।

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