सालों से चल रहा अयोध्या विवाद हल होने के बाद मस्जिद के लिए अपना फर्ज निभाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने मस्जिद के नाम जमीन आवंटित की थी। धन्नीपुर की इसी जमीन पर विवाद खड़ा हो गया है। आवंटन के विरुद्ध इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में एक याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने मस्जिद के नाम आवंटित की गई जमीन पर अपना दावा जताया है।

जमीन पर पहले ही चल रहा है विवाद

जमीन को लेकर लखनऊ हाईकोर्ट बेंच में रानी कपूर पंजाबी और रमा रानी पंजाबी की तरफ से बुधवार को याचिका दाखिल की गई। याचिका के अनुसार मस्जिद के लिए 5 एकड़ की जो जमीन आवंटित की गई है, उसका मुकदमा अयोध्या के बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी के समक्ष पहले से विचाराधीन है। जिसकी सुनवाई 8 फरवरी 2021 को होनी संभावित है।

याचिका में आगे दावा किया गया है कि, रानी कपूर पंजाबी और उनकी बहन रमा रानी पंजाबी के पिता ज्ञानचंद पंजाबी को 1560 रुपये में 5 साल के लिए धन्नीपुर गांव जो परगना मागलसी तहसील सोहावल और जनपद फैजाबाद (जो अब अयोध्या है) में 28 एकड़ जमीन पट्टे पर दी गई थी।

जमीन के लिए परिवार ने लंबे समय तक लड़ी लड़ाई

तय समय सीमा यानि कि 5 साल की अवधि बीत जाने के बाद भी उक्त जमीन उनके परिवार के ही उपयोग और कब्जे में रही। यही नहीं उक्त जमीन से संबंधित उनका नाम राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज हो गया।

इसी बीच 1998 में सुहावल तहसील के एसडीएम द्वारा उनके पिता ज्ञानचंद पंजाबी का नाम उप जमीन से संबंधित रिकॉर्ड से हटा दिया गया। जिसके विरुद्ध याचिकाकर्ता की मां ने फैजाबाद अपर आयुक्त के यहां लंबे समय तक कानूनी लड़ाई लड़ी, जिसके बाद उनके पक्ष में फैसला हुआ।

चकबंदी के दौरान जमीन पर हुआ विवाद

चकबंदी के दौरान एक बार फिर उक्त जमीन के राजस्व रिकॉर्ड को लेकर नया विवाद पैदा हुआ। तत्कालीन चकबंदी अधिकारी के आदेश के विरुद्ध उन्होंने बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी के समक्ष मुकदमा दाखिल किया जो अब तक विचाराधीन है।

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