सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद भी तीन तलाक का दंश जारी है। जी हां उत्तर प्रदेश के बरेली में तीन तलाक पीड़िता अखिरकार जिंदगी की जंग हार गई।  रजिया की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। रजिया को उसके पति ने फोन पर तीन तलाक दे दिया, लेकिन तलाक देने के बाद हैवान पति ने अपनी पत्नी को एक महीने तक कमरे में बंद करके भूखा-प्यासा रखा और उसकी पिटाई भी की। पीड़िता के परिजनों को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां आखिरकार उसने दम तोड़ दिया। आखिर कितना लड़ती वो जिंदगी से।  अब शायद खुद से लड़ने की ताकत बची ही नहीं थी।

जी हां बीवी पर शौहर किस हद तक जुल्म कर सकता है। हैवानियत की सारी हदें पार कर सकता था।  ये रजिया को देख कर अंदाजा लगाया जा सकता था।  रजिया हड्डियों का ढांचे में तब्दील हो गई था।   रजिया को देखकर ऐसा लगता था मानो 35 साल उम्र में ही शरीर बुढ़ापे का अहसास करा रही थी।  पहली नजर में ही हालत देखकर कोई भी उनके साथ हुई ज्यादती का अंदाजा लगा सकता था ।  रंज से कांपती आवाज में रजिया कहती थी। मैं अपने बेटे अनस के लिए जीना चाहती हूं। शौहर की ठोकर और जुल्म तंग रजिया की यह मुराद उसके साथ ही चली गई।

13 साल पहले दिल्ली के रहने वाले नहीं से रजिया की शादी हुई थी। शादी के कुछ समय बाद ही उसको दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा । रजिया की मौत के बाद उसका 6 साल का बेटा है जो अनाथ हो गया। रजिया के बेटे को शायद ये भी नहीं पता होगा कि पापा की करतूतों के चलते अब उसकी मां इस दुनिया में नहीं रही।जरुरत है ऐसे हैवानों पर लगाम लगाने कि ताकि वो किसी की हंसती खेलती जिंदगी बर्बाद न कर सके।

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