नाम बदलने की नीति-रणनीति योगी सरकार की जारी है। मुगलसराय रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय रख देने के बाद अब योगी सरकार की नजर इलाहाबाद की ओर है। अगर सब कुछ सही रहा तो संगम नगरी इलाहाबाद का नाम ‘प्रयाग’ हो जाएगा। इसकी कवायद के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने राज्यपाल राम नाईक को पत्र लिखा है और उनसे इलाहाबाद का नाम प्रयाग करने में मदद का अनुरोध किया है। बता दें कि 2019 में होने वाले कुंभ आयोजन से पहले योगी सरकार ‘इलाहाबाद’ का नाम बदलकर ‘प्रयागराज’ करने की तैयारी में है। इससे पहले उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मई महीने में ‘इलाहाबाद’ दौरे के वक्त कहा था कि ‘इलाहाबाद’ की पहचान यहां तीन नदियों के संगम की वजह से है, इसलिए इसका नाम ‘प्रयागराज’ होना चाहिए।

सिद्धार्थनाथ सिंह ने राज्यपाल राम नाईक से कहा है कि जब वे महाराष्ट्र के सांसद थे तब उन्होंने ‘बॉम्बे’ को ‘मुंबई’  नाम देने में मदद की थी। उन्होंने कहा कि इसी को ध्यान में रखते हुए मैंने इलाहाबाद का नाम ‘प्रयाग’ करने पर विचार करने के लिए राज्यपाल को पत्र लिखा है। उम्मीद है वह इस पत्र को गंभीरता से लेकर मेरे अनुरोध पर विचार करेंगे। स्वास्थ्य मंत्री के अलावा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इलाहाबाद का नाम बदलने की मांग की है। अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत नरेंद्र गिरी ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर कहा कि कुंभ मेला से पहले इलाहाबाद का नाम प्रयाग कर देना चाहिए।

बता दें कि नाम बदलने की कोशिश योगी सरकार की पुरानी आदत है। सीएम योगी ने इससे पहले गोरखपुर में ही पांच मोहल्लों के नाम बदल डाले थे। वहीं कानपुर, गोरखपुर और आगरा एयरपोर्ट के नाम भी बदले गए थे।

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