दिवाली से पहले राजस्थान सरकार मिलावटखोरों के खिलाफ ऑपरेशन क्लीन चला रही है। सरकार मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त हो गई है। मिलावट करने वालों के बारे में सही सूचना देने वालों को सरकार ने 51,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। सरकार के अनुसार सूचना देनेवाला का नाम गुप्त रखा जाएगा।

अशोक गहलोत की अगुवाई वाली सरकार ने दिवाली से पहले प्रदेश में मिलावटखोरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का हल्ला बोल दिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देशानुसार राज्य में सोमवार से ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान को शुरू कर दिया गया है।

राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर रघु शर्मा ने कहा, “सोमवार से प्रदेश में प्रारंभ हुए ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान में मिलावटखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। त्यौहारी सीजन में दूध से बने पदार्थों में मिलावट की शिकायतें बढ़ जाती हैं। इस अभियान के नोडल अधिकारी जिला कलेक्टर होंगे।”

राजस्थान सरकार के स्वास्थ्य और चिकत्सा विभाग द्वारा जारी एक पत्र में कहा गया है कि सरकार कोरोना काल में लोगों की जिंदगियां बचाने का टारगेट लेकर चल रही है। ऐसे में मिलावटखोरी जैसा निंदनीय कृत्य करने वाले लोगों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई जरूरी है।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में राजस्थान में 11 से अधिक जांच प्रयोगशाला हैं और इनमें उच्च तकनीक से सैंपल की जांच की जाती है। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य विभाग ने ऐसा तंत्र विकसित किया है जिसमें सैंपल लेने वाले और जांच करने वाले व्यक्ति के बीच किसी प्रकार संपर्क की संभावना ना हो। 

राजस्थान के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने कहा, “शुद्ध के लिए युद्ध अभियान में मिलावट की सही सूचना देने वालों को सरकार की ओर से 51 हजार रुपये के इनाम की घोषणा भी की गई है. वर्तमान में संचालित अभियान विशेष अभियान है, लेकिन ‘निरोगी राजस्थान’ अभियान के अंतर्गत वर्ष भर मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई सरकार की व्यवस्था करने का प्रयास कर रही है।” 

गौरतलब है त्योहार आते ही मिलावटखोर भी सक्रिय हो जाते हैं। मिठाई हो या पनीर सब कुछ मिलावटी ही होता है। मिलाटवटी खाना खाने से भारत में हर साल हजारों लोगों की मौत हो जाती है।

लैंसेट की रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल करीब 15.73 लाख लोग खराब खाने (फूड पॉयजनिंग) से मारे जाते हैं। खराब खाने से मौत के मामले में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है। 31.28 लाख मौतों के साथ चीन पहले नंबर पर है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के इंटीग्रेटेड डीजीज सर्विलांस प्रोग्राम (आईडीएसपी) के अनुसार 2008 से 2017 के बीच फूड पॉयजनिंग एक नए प्रकोप की तरह फैला है। यह अब भी फैल रहा है। 2008 से 2017 के बीच फूड पॉयजनिंग के 2867 मामले आए जो डायरिया के 4361 मामलों से अलग हैं

सबसे ज्यादा मिलावटी खाद्य पदार्थ इन पांच राज्यों में

  • मिजोरमः 84 सैंपल में से 52 (62%) मिलावटी
  • राजस्थानः 3549 सैंपल में से 1598 (45%) मिलावटी
  • उत्तर प्रदेशः 19063 सैंपल में से 8375 (44%) मिलावटी
  • झारखंडः 580 सैंपल में से 219 (38%) मिलावटी
  • मणिपुरः 830 सैंपल में से 295 (36%) मिलावटी

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