जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती के तिरंगे वाले बयान से नाराज होकर उनके ही पार्टी के तीन नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है।
इस्तीफा देने वाले पीडीपी लीडर टीएस बाजवा, वेद महाजन और हुसैन ए वफ्फ का नाम शामिल है। इस्तीफा देने वाले नेताओं ने कहा, “महबूबा मुफ्ती के इस बयान से हम सभी बहुत आहत हैं। ये बयान देश भक्तों को दुखी करने वाले है। मुफ्ती को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए था।”
महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को बयान दिया था, ‘मैं जम्मू-कश्मीर के अलावा दूसरा कोई झंडा नहीं उठाऊंगी। जिस वक्त हमारा ये झंडा वापस आएगा, हम उस (तिरंगा) झंडे को भी उठा लेंगे। मगर जब तक हमारा अपना झंडा, जिसे डाकुओं ने डाके में ले लिया है, तब तक हम किसी और झंडे को हाथ में नहीं उठाएंगे। वो झंडा हमारे आईन का हिस्सा है, हमारा झंडा तो ये है। उस झंडे से हमारा रिश्ता इस झंडे ने बनाया है।’
जम्मू-कश्मीर में पीडीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस समेत कई पार्टियों ने मिलकर एक बार फिर अनुच्छेद 370 को वापस लाने की मांग बुलंद की है। पार्टियों की ओर से एक गठबंधन बनाया गया है, गुपकार समझौता किया गया है। जिसका मकसद दोबारा 370 को वापस लागू करवाना है।
जम्मू कश्मीर में विशेष राज्य का दर्जा देने वाली अनुच्छेद 370 (Article-370) खत्म करने के साथ ही 5 अगस्त 2019 से महबूबा मुफ्ती नजरबंदी में थीं। इन्हें 13 अक्तूबर को आजाद कर दिया गया था। महबूबा 14 महीने नजरबंद थी। नजरबंदी से मुक्ती मिलते ही सरकार की खिलाफत पर उतर आई हैँ।
महबूबा के इस बयान से घाटी के शांती पर भी असर हुआ है। बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा भी फहराया था। साथ ही रविवार को एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने जम्मू में पीडीपी के कार्यालय के बाहर नारेबाजी की थी। पीडीपी के दफ्तर के बाहर तिरंगा फहराया गया।