कांग्रेस उपध्याक्ष राहुल गांधी ने राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर सीधे वार किया है। वसुंधरा सरकार द्वारा जारी किए गए अध्यादेश को लेकर राहुल गांधी ने ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने लिखा कि, ‘मैडम चीफ मिनिस्टर, हम 21वीं सदी में रह रहे हैं। यह साल 2017 है, 1817 नहीं’। राहुल के इस ट्वीट ने राजस्थान सरकार के अध्यादेश पर हो रही सियासी आरोप-प्रत्यारोप के सिलसिला को और बढ़ा दिया है।
Madam Chief Minister, with all humility we are in the 21'st century. It's 2017, not 1817. https://t.co/ezPfca2NPS
— Office of RG (@OfficeOfRG) October 22, 2017
दरअसल, राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे ने एक अध्यादेश जारी किया, जिसमें कहा कि, किसी भी जज, मजिस्ट्रेट या लोकसेवक के खिलाफ सरकार से मंजूरी लिए बिना किसी तरह की जांच नहीं की जाएगी। राहुल गांधी ने इसी अध्यादेश को लेकर मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर निशाना साधा है।
दरअसल, यह अध्यादेश जजों, मजिस्ट्रेटों और सरकारी अधिकारियों के सुरक्षा कवच के लिए जारी किया गया है। बता दें कि, राजस्थान सरकार 23 अक्टूबर से शुरू होने जा रहे विधान सभा में सत्र में जजों, मजिस्ट्रेटों और सरकारी अधिकारियों के लिए सुरक्षा कवच मुहैया कराने के लिए बिल पेश करेगी। यह बिल हाल ही में लाए गए अध्यादेश का स्थान लेगी।
इसके मुताबिक ड्यूटी के दौरान उठाये गये किसी भी कदम के खिलाफ राज्य के किसी भी कार्यरत जज, मजिस्ट्रेट या सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कोई भी शिकायत सरकार की इजाजत के बगैर दर्ज नहीं की जा सकेगी।
क्या आपने सोचा कि राहुल ने सीएम वसुंधरा राजे पर निशाना साधते हुए अपने ट्वीट में 1817 का जिक्र किसलिए किया? दरअसल, वसुंधरा राजे का सिंधिया घराने से पारिवारिक संबंध है। इतिहास गवाह है कि 1794 से लेकर 1827 तक ग्वालियर के दौलतराव सिंधिया का शासन था। साथ ही 1817 में ग्वालियर की संधि हुई थी।
इससे पहले शनिवार को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने इस मामले में राज्य की वसुंधरा राजे सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘हम सरकार के इस कदम से हैरान हैं। इससे पता चलता है कि सरकार भ्रष्टाचार को संस्थागत करने की कोशिश कर रही है। राज्य सरकार इसके जरिए उन लोगों को बचाना चाहती है, जिनके जरिए राज्य में भ्रष्टाचार और घोटाले करवाए गए हैं’।