बिहार में चुनावों की आहट के साथ राजनैतिक समीकरणों के बनने बिगड़ने का दौर जारी है। खबर है कि राष्ट्रीय जनता दल RJD में नाराज चल रहे कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने बीमारी की अवस्था में अस्पताल के बेड से अपने पुराने मित्र और RJD सुप्रीमो लालू यादव को सादे कागज पर अपना इस्तीफा भेज दिया है। जैसा कि मालूम है कि पार्टी की कमान अब लालू के बेटों के हाथों में हैं, और वे अपने पिता के दशकों पुराने मित्र और सहयोगी रघुवंश बाबू के साथ बार बार अपमानित किया जाने वाला व्यवहार कर रहे हैं।
आरजेडी के पूर्व उपाध्यक्ष रहे रघुवंश प्रसाद सिंह ने एम्स के बेड से लालू प्रसाद यादव को अपना इस्तीफा भेजा है। रघुवंश प्रसाद सिंह, आरजेडी के उपाध्यक्ष पद से पहले ही इस्तीफा दे चुके थे। लालू प्रसाद यादव को भेजी गई चिट्ठी में रघुवंश प्रसाद सिंह ने लिखा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर के बाद 32 वर्षो तक आपके पीछे खड़ा रहा लेकिन अब नहीं। पार्टी, नेता, कार्यकर्ता और आमजन ने बड़ा स्नेह दिया, लेकिन मुझे क्षमा करें। गौरतलब है कि रघुवंश प्रसाद सिंह बीमार हैं और उनका इलाज दिल्ली एम्स में चल रहा है।
हम आपको बता दं कि इससे पहले राष्ट्रीय जनता दल में नाराज चल रहे कद्दावर नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी। उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के आइसीयू में भर्ती कराया गया। वे बीते कुछ दिनों से दिल्ली एम्स में इलाज करा रहे हैं। रघुवंश प्रसाद सिंह कुछ महीने पहले कोरोना संक्रमित हो गए थे। उनका इलाज पटना एम्स में चला था। वहां से वे स्वस्थ होकर बाहर आ गए थे, लेकिन फिर निमोनिया के कारण फिर से दिल्ली एम्स में भर्ती कराए गए।
रघुवंश प्रसाद सिंह को लेकर बिहार में पिछले दिनों उनकी ही पार्टी में खूब सियासत हुई। बाहुबली रामा सिंह को पार्टी में लाए जाने को लेकर रघुवंश बाबू नाराज थे। रामा सिंह ने उनके खिलाफ बयान देकर हालात को और बिगाड़ दिया। रही-सही कसर लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने यह कह कर पूरी कर दी कि आरजेडी एक समंदर है, जिसमे रघुवंश प्रसाद केवल एक लोटा जल हैं। एक लोटा जल निकलने से समंदर को काेई फर्क नहीं पड़ता। इसके बाद खुद लालू प्रसाद यादव को डैमेज कंट्रोल की पहल करनी पड़ी। कहा जाता है कि लालू ने तेज प्रातप को रांची बुलाकर क्लास भी लगाई।
अभी भी रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी जारी है। उनके विरोध के कारण ही रामा सिंह को अभी तक आरजेडी में एंट्री नहीं मिल सकी है। और अब तो जिस तरह से सादे कागज पर उन्होंने अपने मित्र और पार्टी सुप्रीमो लालू यादव को एक संदेश के जरिए इस्तीफा भेजा है, लगता है अब उसे वापस लेने के मूड में नहीं हैं।