उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से अलकायदा के आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद यूपी एटीएस कई बड़े खुलासे कर रही है। यूपी एटीएस की गिरफ्त में सजा काट रहे है आतंकी साजिश की दीवारों से एक एक ईंट हटा रहे हैं। खुलासा हुआ है कि आंतियों को संगठन में शामिल होने के लिए और संगठन की जिम्मेदारी संभालने के लिए क्रैश कोर्स से गुजरना पड़ता है। जिसके बाद ही उन्हें साजिश की जिम्मेदारी मिलती है।

यूपी के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने मीडिया को बताया कि, ”यूपी सहित अन्य जगह पर आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए इन सभी जिहादियों को क्रैश कोर्स के जरिए आतंकवाद की शिक्षा दी जा रही थी, जिसमें लखनऊ से पकड़े गए आतंकी मिनहाज और आतंकी मसीरुद्दीन इसी क्रैश कोर्स को पास आउट करने के बाद आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए तैयार किए गए थे। इसके बारे में विस्तृत रिपोर्ट बनाकर पुलिस को भेजी गई है।”

प्रशांत कुमार के अनुसार, अब आतंकी संगठन हथियार सप्लाई न करके ऐसे कोर्सेज के जरिए से युवाओं को भटका कर आतंक के रास्ते पर ले जा रहे हैं। आतंकी मिनहाज और मसीरुद्दीन ने एटीएस को पूछताछ में बताया कि उन्होंने इन कोर्सेज को पढ़ने के बाद बड़ी घटनाओं को अंजाम देने के लिए तैयार हुए थे।

प्रशांत कुमार के ने बताया कि, इन सभी की रिपोर्ट बनाकर गृह मंत्रालय को भेज दी गई है और यह बताया गया है कि आतंकी भारत में पैर पसारने के लिए अब इन सभी हथकंडे को अपनाकर अपने मंसूबों को सफल करने में लगे हुए थे। उन्होंने कहा कि आतंक के खिलाफ मजबूत सबूत इकट्ठा कर लिए गए हैं और चार्जशीट दाखिलकर जल्दी सभी को जेल भेज दिया जाएगा।

खेल कूद के जरिए जुड़कर आतंकी संगठन युवाओं का ब्रेन वॉश करते हैं। उनसे बात करने के लिए इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, वॉट्सएप, और फेसबुक का सहारा लेते हैं। उनसे बात कर आर्थिक स्थिती और परिवारिक हालातों के बारे में जानने की कोशिश करते हैं। उसके बाद आगे के काम को अंजाम देते हैं।

संगठन की जिम्मेदारी लेने से पहले आतंकियों को क्रैश कोर्स से गुजरना पड़ता है। आतंक की दुनिया में सक्रिय लोगों के बारे में उन्हें पढ़ाया जाता है। इसका को़ड वर्ड होता है भाईजान। इस कमेटी से युवाओं को इंस्पायर्ड किया जाता है। धीरे-धीरे जिहाद के रास्ते पर आने के लिए प्रेरित किया जाता है।

दो कोर्स पास करने के बाद युवाओं को पर्सनल नंबर दिया जाता है। उनके पास काम कर रहे अन्य गुर्गों को भेजा जाता है। वफादारी के बारे में पता लगाने के लिए उनको एक टास्क दिया जाता है। इस टास्क के पास हो जाने के बाद हैंडलर इन से डायरेक्ट वीडियो कॉल से बात करते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here