कोरोना महामारी ने पूरे देश को बेहाल कर रखा है। देश में अभी कोरोना कि दूसरी लहर पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ। मगर तबतक तीसरी लहर आने कि आशंका जताई जा रही है। साथ ही बताया जा रहा है कि अगर ऐसे ही लोगों को छूट मिलती रही तो देश कि स्थिति और बेहद खराब हो सकती है। हर दिन लगभग लाख केश आने कि आशंक है। क्योकि तीसरी लहर बेहद खतरनाक साबित हो सकती है। जिसको देखते हुए तीसरी लहर के लिए चेतावनी जारी कर दिया गया है। कई राज्यों में लाक्डाउन को हटाने के कारण भीड़ खूब जमा हो रही है अगर ऐसा रहा तो हालत और खराब हो सकती है।

कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के प्रमुख वैज्ञानिक प्रोफेसर समीरन पांडा ने आशंका व्यक्त किया है। कि अगर भारत में ऐसे छूट मिली तो दिन भर में 1 लाख केश आने कि संभावना है, और साथ ही कहा कि अगर वायरस आगे अपना रूप नहीं बदलता है तो ये पहली लहर के सामान ही होगा, लेकिन अगर वायरस ने अपना रूप बदला तो स्थिति बहुत ज्‍यादा खराब हो सकती है।

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कोरोना की तीसरी लहर की चेतावनी देते हुए उन्‍होंने कहा कि आने वाली लहर दूसरी लहर की तरह विनाशकारी नहीं होगी। प्रोफेसर पांडा का मानना ​​​​है कि कम टीकाकरण दर और लॉकडाउन में छूट के कारण कोरोना केस के मामले तेजी से बढ़ रहे है। वहीं आपको बता दें कि कुछ दिन पहले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बढते केस को देखते हुए एक ट्वीट किया था उममें लिखा था कि ‘यह सही है कि कोरोना कि वजह से टूरिज्म, व्यापार कारोबार बहुत प्रभावित हुआ है। लेकिन आज मै जोर देकर कहूंगा कि हिल स्टेशन में, मार्केट में बिना मास्क पहने भारी भीड़ उमड़ना ठीक नहीं है।

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कोरोना की तीसरी लहर के खतरे को भांपने के लिए इंपीरियल कॉलेज लंदन और आईसीएमआर ने गणितीय मॉडल का सहारा लिया जा रहा है। प्रोफेसर पांडा का कहना है कि मौजूदा स्थिति को देखते हुए हम कह सकते हैं कि तीसरी लहर आ गई है। साथ ही कहा कि अगर तीसरी लहर को रोकना है तो लोगों को अभी से शादी समारोह और पार्टी में जाने से बचना होगा और मास्‍क का प्रयोग करना बेहद जरूरी होगा।

प्रोफेसर पांडा का कहना है कि भारत को एक रणनीतिक टीकाकरण अभियान की बेहद जरूरत है। उन्‍होंने जोर देते हुए कहा कि इस दौरान जितना कम हो सके यात्रा करना चाहिए. पांडा के मुताबिक वैक्‍सीन लगवाने से संक्रमण की दर को कम हो सकती है। और तीसरी लहर का खतरा भी कम रहेगा।

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