उत्तर प्रदेश में साल 2022 में 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने वाला है। राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पूरी तैयारी में जुट गई है। चुनाव को ध्यान में रखते हुए राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। इसमें उन मंत्रियों को जगह दी जाएगी जो केंद्रीय मंत्रिमडल मे शामिल नहीं है। वहीं खबर यह भी है कि मंत्रिमंडल विस्तार मोदी कैबिनेट 2.0 की तर्ज पर किया जा सकता है। यूपी कैबिनेट मॉडल भी मोदी कैबिनेट की तरह होगा।

विस्तार होने वाली नई कैबिनेट में जातीय समीकरण का पूरा ख्याल रखा जाएगा। ताकि बिगड़े हुए ढ़ांचे को फिर से सुधारा जा सके। इनमें सबसे पहला नाम निषाद पार्टी के संजय निषाद का है। संजय निषाद के बेटे प्रवीण निषाद को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है, ऐसे में अब संजय निषाद को यूपी कैबिनेट में जगह देकर इसकी भरपाई की जा सकती है।

बता दें कि जुलाई के अंत तक मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। आकलन लगाया जा रहा है कि 25,26 और 30 जुलाई को यह कार्य हो सकता है। वहीं सीएम योगी यूपी कैबिनेट विस्तार पर जल्द ही मुहर लगा सकते हैं।

खबर है कि पार्टी किसी राजभर चेहरे को मंत्रिमंडल में जगह दे सकती है। पहले ओम प्रकाश राजभर पार्टी का हिस्सा थे लेकिन उन्होंने अब नई राह पकड़ ली है। वहीं पार्टी ब्राह्मणों को भी साधने की कोशिश करेगी। बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती ने ब्राह्मण वोट बैंक को अपनी तरफ खींचने के लिए अयोध्या में एक सभा भी की थी। इससे बीजेपी की चिंता बढ़ गई है।

योगी सरकार में ब्राह्मण चेहरे के तौर पर जितिन प्रसाद की एंट्री हो सकती है, उन्हें विधानपरिषद के जरिए मंत्रिमंडल में लाया जा सकता है। वहीं, कायस्थ समुदाय को साधने के लिए ओपी श्रीवास्तव का नाम सबसे आगे चल रहा है।

दरअसल यूपी में सात मंत्रियों की जगह खाली है ऐसे में बीजेपी कैबिनटे की गोटी को फिट करने में जुटी है। वहीं इसी सात सीटों के जरिए जातीय समीकरण को भी फिट किया जाएगा।

पहले ही मुद्दा साफ हो गया है कि यूपी कैबिनेट का विस्तार मोदी कैबिनेट 2.0 की तर्ज पर किया जाएगा। मतलब उम्रदराज मंत्रियों की कैबिनेट से छुट्टी हो सकती है। कैबिनेट कई युवा चेहरों को राजनीति में जगह दे सकती है।

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