भारत में पेगासस जासूसी मामला छाया हुआ है। खबर है कि देश के बड़े पत्रकारों समेत नेताओं का फोन टैप किया जा रहा है। इस का असर सिर्फ भारत पर ही नहीं बल्कि अन्य देशों पर भी पड़ा है। मुद्दे को ध्यान में रखते हुए फ्रांस ने इस पर जांच बैठा दी है। पेगासस विवाद पर फ्रांस जांच करेगा।

अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंपनियों द्वारा जो खुलासा किया गया है, उसके अनुसार Pegasus स्पाइवेयर का इस्तेमाल करके करीब 1000 फ्रांसीसी लोगों को निशाना बनाया गया और उनके फोन टैप किए गए।

मीडिया से मिली खबरों के अनुसार मोरक्को की एजेंसी द्वारा पेगासस सॉफ्टवेयर के सहारे 1000 से अधिक फ्रैंच लोगों को लिया गया है। इसमे 30 से अधिक पत्रकार शामिल हैं। वहीं कई राजनेताओं को भी निशाना बनाया गया है।

जिन पत्रकारों के फोन टैप किए गए उनमें Le Monde, Le Canard Enchaîné, Le Figaro, Agence France-Presse और France Télévisions के पत्रकार भी शामिल हैं। स्थानीय मीडिया के अनुसार, फ्रांस को जो कंपनी इस पूरी जांच में शामिल रही है उससे जुड़े एक पत्रकार का भी फोन हैक किया गया था।

इजरायली कंपनी एनएसओ के पेगासस सॉफ्टवेयर से भारत में कथित तौर पर 300 से ज्यादा हस्तियों के फोन हैक किए जाने का मामला बढ़ता ही जा रहा है।

बता दे कि पेगासस जासूसी विवाद तूल पकड़ा जा रहा है। इसमें भारत के 40 से अधिक हस्तियों को निशाना बनाया गया है। कहा जा रहा है कि राहुल गांधी समेत कई बड़े नेताओं का फोन टैप किया जा रहा है।

गौरतलब है कि मॉनसून सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत भारी हंगामे के साथ हुई। पेगासस जासूसी मामले को लेकर विपक्षी दलों ने इतना हंगामा किया कि सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। इस मुद्दे पर केंद्रीय संचार मंत्री राज्यसभा में बयान पेश करने वाले हैं। मॉनसून सत्र में यह बड़ा मुद्दा बन गया है।

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