दुनिया में न जाने कितनी प्राचीन चीजें हमसे छिपी हैं, पता ही नहीं चलता। ब्रह्माण्ड की न जानें कितनी गुत्थियां हैं जो अभी तक सुलझ ही नहीं पाई हैं। कुछ चीजें हमें मिलती हैं तो उसका अनुमान नहीं लग पाता कि उसका महत्व क्या है। लेकिन पुरातत्व विभाग कोई भी चीज छोड़ता नहीं है। वो दुनिया के रहस्यों से पर्दा उठाता ही रहता है। इसी तरह एक और प्राचीन रहस्य से पर्दा उठा है। जी हां, अब तक गुमनाम से पड़े दक्षिण पश्चिम दिल्ली के करीब 200 साल पुराने मंदिर को पुरातत्व विभाग ने अपने संरक्षण में ले लिया है। यह पहला मौका है, जब दिल्ली सरकार के पुरातत्व विभाग और इंडियन नैशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट ऐंड कल्चर हेरिटेज (इनटैक) ने किसी मंदिर को अपने निगरानी में लिया है।

बता दें कि यह मंदिर कोई खास नामी मंदिर नहीं है। ये कोई खास पर्यटन स्थल भी नहीं था जहां लोग घूमने आते। लेकिन अब पुरातत्व विभाग का साथ मिलने के बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि अब इसकी क्षतिपूर्ति जल्द की जा सकेगी। दरअसल, हेरिटेज इमारतों में यह ऐसा पहला मंदिर है, जिसे सरकार और इनटैक ने संरक्षण के लिए शॉर्टलिस्ट किया है। अब तक इनमें मस्जिदों, गुंबदों, बगीचों और मकबरों को ही शामिल किया जाता रहा है।   नांगल देवात गांव के इस मंदिर को दुर्लभ और सुंदर इमारतों में से एक माना जाता है, लेकिन अब इसका बड़ा हिस्सा क्षतिग्रस्त हो चुका है।

खबरों के मुताबिक, ‘यह मंदिर 18वीं या 19वीं सदी का बना हुआ प्रतीत होता है। इस पर हुआ बेहतरीन प्रस्तरकार का काम मुगल शैली का है। मंदिर में ऐसी कई दुर्लभ पेंटिंग्स हैं, जिनका संरक्षण किया जाना चाहिए। अधिकारियों ने बताया कि  ‘पहले पेंटिंग्स की सफाई की जाएगी, फिर उन्हें मजबूती दी जाएगी। ऐसी कई जगह हैं, जहां मंदिर की इमारत का प्लास्टर गिर रहा है और उसे बचाए जाने की जरूरत है।

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