ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सामाजिक कार्यों के लिए पद्म विभूषण से सम्मानित संघ प्रचारक नानाजी देशमुख की जन्‍मशताब्दी के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शहरों के साथ-साथ गांवों का विकास भी बहुत जरूरी है। इसलिए उनकी सरकार गांवों के विकास के लिए तत्पर है। मोदी ने कहा कि हमारी सरकार आने से पहले 18000 गांव ऐसे थे, जो कि 18वीं शताब्दी में जी रहे थे। वहां पर बिजली की व्यवस्था नहीं थी। लेकिन हमने 3 सालों में इन गांवों में बिजली देने का बीड़ा उठाया और अब तक हम 15,000 गांवों में बिजली पहुंचा चुके हैं। हमारी सरकार ग्रामीणों को मुफ्त में बिजली कनेक्शन दे रही है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अब सरकार का अगला लक्ष्य 2022 में किसानों की आय को दोगुना करना है। हमें कृषि क्षेत्र में लागत कम और मुनाफा अधिक करना है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाको में खुले में शौच के खिलाफ सरकार का अभियान काम कर रहा है। इस अवसर पर उन्होंने घोषणा की कि शौचालय को अब गांवों में ‘इज्जतघर’ कह के बुलाया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में जनता को केवल वोट का अधिकार नहीं है, बल्कि उनकी जागरूकता और भागीदारी भी काफी जरूरी है। इसलिए सरकार ने  दिशा एप लॉन्च किया है। पीएम ने बताया कि इसके माध्यम से लोगों को ग्रामीण भारत में चल रही योजनाओं के बारे में सारी जानकारी मिल सकेगी। इसके अलावा इस एप्प के माध्यम से ग्रामीणों का सुझाव लिया जाएगा ताकि ग्रामीण विकास के लिए रोडमैप तैयार हो सके। दिशा के माध्यम से जनप्रतिनिधि भी आम

ग्रामीण लोगों के साथ आसानी से जुड़ पाएगा। गांवों के विकास पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि गांवों को आत्मनिर्भर होना जरूरी है और गांव की शक्ति को ही जोड़कर देश आगे बढ़ सकता है।

उन्होंने कहा जो सुविधाएं शहर में हैं वैसी अगर हम गांव में दे दें तो एक क्वालिटी ऑफ लाइफ में बदलाव आएगा और लोगों को गांव में रहने के लिए प्रेरित करेगा। इस दौरान उन्होंने देशवासियों से अपील भी की कि वह इस बार दिवाली पर दीये गांव के कुम्हार से खरीदें, उनके घर भी खुशी आएगी।

आज लोकनायक जयप्रकाश नारायण का भी जन्मदिन है। पीएम ने कहा कि अनेक मौकों पर जयप्रकाश और नानाजी देशमुख ने साथ काम किया और देश के विकास में योगदान दिया। दोनों से संबंधित एक कहानी सुनाते हुए मोदी ने कहा कि जेपी आंदोलन के दौरान एक बार जब जेपी पर हमला हुआ था, तो नानाजी देशमुख ने जेपी को बचाते हुए खुद उस हमले को झेला। इस हमलें में नानाजी की हाथ की हड्डी टूट गयी थी। बाद में मोरार जी देसाई के सरकार में इन दोनों ने मंत्री पद ठुकरा दिया था। उन्होंने हमेशा खुद को सत्ता के गलियारे से दूर रखा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर नानाजी देशमुख के नाम पर एक डाक टिकट भी जारी किया।

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