भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मन की बात’ कही। ‘मन की बात’ का यह 36वां एपिसोड था। जिसके जरिए उन्होंने देश वासियों को संबोधित किया। मन की बात के तीन साल पूरे हो गए। अगर 36वें एपिसोड की खास बातों पर गौर करें तो उन्होंने पूरे एपिसोड में तीन सालों के दौरान मन की बात पर कही गई बातों का अनुभव साझा किया। जिसमें इन तीन सालों में चलाए गए स्वच्छता, खादी, सेल्फी विद डॉटर जैसे अभियान से समाज में क्या बदलाव आया है, इस पर चर्चा की। साथ ही साथ उन्होंने महापुरुषों का भी स्मरण किया। उन्होंने मन की बात पर चलाई गई मुहिमों के बारे में बोलते हुए कहा कि, किस प्रकार से छोटी सी घटना एक बड़ा आंदोलन खड़ा कर देती है।

36वें एपिसोड की खात बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात के माध्यम से देश वासियों को संबोधित करते हुए कहा कि आकाशवाणी के माध्यम से मन की बात करते-करते तीन वर्ष पूरे हो गए हैं। आज ये 36वाँ एपिसोड है। ‘मन की बात’ एक प्रकार से भारत की जो सकारात्मक शक्ति है, देश के कोने-कोने में जो भावनाएँ भरी पड़ी हैं, इच्छाएँ हैं, अपेक्षाएँ हैं, कहीं-कहीं शिकायत भी है, एक जन-मन में जो भाव उमड़ते रहते हैं ‘मन की बात’ ने उन सब भावों से मुझे जुड़ने का एक बड़ा अद्भुत अवसर दिया। इसके अलावा मोदी ने कहा कि  हालांकि मैंने कभी नहीं कहा कि मेरे मन की बात है। मन की बात तो देश वासियों के अपेक्षाओं से जुड़ी हुई है।

तीन साल मन की बात

इन तीन सालों का अनुभव साझा करते हुए मोदी ने कहा कि जब मैं मन की बात में बताता हूं तो लोग अपनी बात मुझतक ईमेल, टेलीफोन, एप के माध्यम से पहुंचाते हैं जिससे मुझे एक खजाना मिल जाता है।

उन्होंने मन की बात पर अपने अनुभव शेयर करते हुए कहा कि मन की बात की ये 3 साल की यात्रा देश वासियों की भावनाओं की और उनकी अनुभूतियों की यात्रा है।

उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा मन की बात में आचार्य विनोबा भावे की विचारों का पालन किया है। विनोबा भावे हमेशा कहते थे कि अ-सरकारी, असरकारी।

उन्होंने कहा कि किस प्रकार से एक छोटी घटना एक बड़ी आंदोलन बन जाती है। जिसका उदाहरण उन्होंने अपने ही कार्यक्रम में चलाए गए मुहिम को दिया। उन्होंने कहा कि मैंने एक बार मन की बात में कही थी कि हमें भोजन करते समय चिंता करनी चाहिए कि हमें जितनी जरुरत है उतनी ही लेनी चाहिए। उसको बर्बाद ना करें।

उसके बाद मैंने देखा कि देश के कोने-कोने से इससे जुड़े कई संस्थानों से मुझतक चिठ्ठियां आ रही थी। जो पहले से ही इस पर काम कर रहे हैं।

इसके बाद उन्होंने स्वच्छता पर चर्चा की। स्वच्छता की सेवा में जुड़े लोगों का आभार व्यक्त किया।

पीएम ने अपने संबोधन में महात्मा गांधी, पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री, जय प्रकाश नारायण, दीनदयाल उपाध्याय और नानाजी देशमुख आदि महापुरूषों के समाज निर्माण में योगदान का उल्लेख किया।

उन्होंने पर्यटन पर जोर दिया और कहा कि लोगों को छुट्टियों में विदेश ही नहीं बल्कि देश का भी भ्रमण करना चाहिए। यात्रा कर पर्यटक स्थलों की तीस्वरों को शेयर करें। उन्होंने कहा कि अपनी यात्राओं पर अच्छे निबंध लिखिए और उसे Mygov पर या NarendraModiApp पर भेजें। इसके अलावा उन्होंने खादी की महत्वता और योगदान की बातें कही।

सेल्फी विद डॉटर की बात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहा कि सेल्फी विद डॉटर एक बड़ा अभियान चला। इस अभियान से मां-बाप को लगने लगा कि मैं भी अपनी बेटी के साथ सेल्फी लूं। इससे बेटियों को लगने लगा की मेरा भी महत्व है।

इसके अलावा देश में होने वाले अंडर-17 फीफा वर्ल्ड की बात कही और देश वासियों को फुटबॉल खेलने की बात भी कही। साथ ही साथ पीएम ने कहा कि देश में नवरात्रि त्योहार चल रहा है। पूरा माहौल पावन पवित्र सुगंध से व्याप्त है। ऐसे अवसर पर उन्होंने देश वासियों को शुभकामनाएं दी।

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