पटना उच्च न्यायालय ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को जीवन भर के लिए आवंटित सरकारी आवास के मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुये आज राज्य सरकार एवं सभी पक्षों को नोटिस जारी कर इस संबंध में चार सप्ताह में स्पष्टीकरण देने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश अमरेश्वर प्रताप शाही की पीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुये कहा कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों को जीवन भर के लिए किये गये सरकारी बंगले के आवंटन को क्यों न रद्द कर दिया जाये। इस मामले में अगली सुनवाई 11 फरवरी 2019 को होगी। खंडपीठ ने इस बाबत भी जवाब मांगा है कि यदि पूर्व मुख्यमंत्रियों को बिहार राज्य विशेष सुरक्षा कानून के तहत सुरक्षा मुहैया कराई जाए तो वे पटना स्थित अपने निजी आवासों में क्यों नही रह सकते। अदालत ने मुख्य सचिव को चार सप्ताह के अंदर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया है।
उच्चतम न्यायालय ने 01अगस्त 2016 को गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) लोक प्रहरी की याचिका पर सुनवाई करते हुये उत्तर प्रदेश सरकार के वर्ष 1997 के मुख्यमंत्री आवास आवंटन नियमों को गलत बताते हुए पूर्व मुख्यमंत्रियों को जीवन भर सरकारी बंगला देने के प्रावधान को रद्द कर दिया था। सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले के आधार पर ही पटना उच्च न्यायालय ने बिहार सरकार एवं सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है।
बिहार में भी पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास आवंटन करने के साथ ही सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने की व्यवस्था है। राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्ष 2014 में केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में सरकारी बंगले का आवंटन किया गया था। लेकिन, वर्ष 2015 में उनके पुन: मुख्यमंत्री बनने के बावजूद पुराना बंगला उनके पास ही है। इस बाबत उच्च न्यायालय ने उन्हें भी नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि मुख्य न्यायाधीश अमरेश्वर प्रताप शाही एवं न्यायमूर्ति अंजना मिश्रा की खंडपीठ को सोमवार को बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव की उप मुख्यमंत्री रहते हुये उन्हें राजधानी पटना के 5,देशरत्न मार्ग में आवंटित सरकारी बंगले को खाली करने के सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान जानकारी दी गई कि बिहार के कई पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन आवास उपलब्ध कराया गया है।
–साभार, ईएनसी टाईम्स