आकाशवाणी ने ऐतिहासिक पहल करते हुए अपनी स्थापना के बाद पहली बार अपने समाचार के निजी एफ एम रेडियो चैनलों पर प्रसारण का रास्ता आज खोल दिया जिसकी शुरूआत केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्वतंत्र प्रभार राज्यवर्द्धन राठौड़ ने आज यहां एक कार्यक्रम में की। राठौड़ ने इस मौके पर कहा कि निजी एफ एम चैनलों के साथ समाचार साझा करने का फैसला पहले ही कर लिया गया था लेकिन राजस्व आदि का आकलन करने के कारण क्रियान्वयन में देरी हुई।

आकाशवाणी की महानिदेशक (समाचार) इरा जोशी ने बताया कि आकाशवाणी ने निजी एफ एम चैनलों की  लंबित मांग पूरी की है। विभिन्न पक्षों के साथ गहन चर्चा के बाद शर्त एवं नियमों के साथ परीक्षण के तौर पर इसकी मंजूरी दी गयी है।  निजी एफ एम चैनलों को आकाशवाणी के समाचार बिना किसी बदलाव के जस का तस प्रसारित करना होगा तथा वे किसी अन्य के साथ इसे साझा नहीं कर सकेंगे।

जोशी ने बताया कि 31 मई 2019 तक परीक्षण के तौर पर समाचार सेवा मुफ्त ली जा सकेगी। परीक्षण के दौरान वे अशांत क्षेत्र ,सीमावर्ती इलाकों और नक्सल प्रभावित इलाकों में समाचारों का प्रसारण नहीं कर सकेंगे ।

राठौड़ ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता जनता की जागरूकता है इसलिए यह सेवा मुफ्त मुहैया करायी जा रही है। जागरूक नागरिक ही सशक्त नागरिक होगा और लोकतंत्र की मजबूती के लिए यह जरूरी है। उन्होंने कहा कि जनता को शिक्षित ,जागरूक और सशक्त करने के लिए देश के विभिन्न रेडियो स्टेशनों को एक साथ लाने का यह साझा प्रयास है। राठौड़ ने कहा कि प्रसार भारती को अलग -अलग भाषा और धर्मों के लिए खबर बनाने की जरूरत पड़ सकती है।

प्रसार भारती के अध्यक्ष ए सूर्यप्रकाश ने वीडियो संदेश में कहा कि अभी यह सहयोग परीक्षण के तौर पर किया जा रहा है। इसका आकलन करने के बाद इसे जारी रखने पर फैसला किया जाएगा । मजबूत और मुक्त समाज के लिए यह जरूरी था। एसोसिएशन आफ रेडियो आपरेटर्स आफ इंडिया की अध्यक्ष अनुराधा प्रसाद ने संगठन की ओर से सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि अपने चैनलों से समाचार प्रसारित करने की निजी रेडियो चैनलों की लंबित मांग थी। उन्होंने कहा कि पूरे देश में जनजागरूता लाने के लिए यह पहल जरूरी थी।

-साभार, ईएनसी टाईम्स

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