गुजरात के हीरा व्यापारी सावजी ढोलकिया इन्सेंटिव में अपने कर्मचारियों को कार देने को लेकर काफी चर्चा में रहे थे। सावजी एक बार अपने काम की वजह से सुर्खियों में हैं। सावजी अपने गांव वालों के लिए भगवान बनते जा रहे हैं। पानी की किल्लत को देखते हुए सावजी ने एक ऐसी योजना बनाई, जिससे न सिर्फ एक गांव की समस्या दूर होगी ब्लकि 20 गांव के लोगों को पानी मिल सकेगा।

सावजी को अब मानसून का इंतजार है। उनका सपना है कि वह पानी की किल्लत वाले 20 गावों के हजारों लोगों की समस्या को खत्म कर सकें। इन गांवों में उनका अपना गांव दुधाला भी शामिल है।

सावजी ने अपना काम हीरा पॉलिशिंग से शुरू किया और आज 6,000 करोड़ रूपये के मालिक हैं। हरि कृष्णा डायमंड्स के मालिक सावजी ने अपने माता-पिता और गांववालों को पानी की समस्या से जूझते देखा है। हाल में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूरत दौरे में कहा था कि गुजरात में हीरा व्यापारियों के मां-बाप भी बस अच्छी बारिश की प्रार्थना करते हैं, उनके लिए बस यही मायने रखता है, बच्चों की शिक्षा भी उनके लिए बड़ा विषय नहीं। रातों–दिन खुदाई का काम चल रहा है ताकि मानसून से पहले ही 200 बीघा जमीन पर 20 फुट गहरा तालाब तैयार किया जा सके।

सावजी ढोलकिया कहते हैं, ‘मैंन अपनी मां को एक मटका पानी भरने के लिए दूर-दूर तक जाते देखा है, मेरे पिता हर सीजन में अच्छी बारिश के लिए प्रार्थना करते थे। मैं 55 साल का हो गया हूं लेकिन हालात में कोई खास बदलाव नहीं आया है। हमारी तरह गांवों के कई युवा रोजगार के लिए सूरत का रुख करते हैं, लेकिन अब और नहीं। पानी की किल्लत दूर करने का मेरा सपना जल्द पूरा होगा।’

गांववालों का कहना है कि जलस्तर करीब 500 फुट नीचे पहुंच गया है। बारिश का पानी मैदानी इलाके से सीधे नदियों में और फिर समुद्र में चला जाता है। लाठी गांव के पूर्व सरपंच भारत बताते हैं, ‘आज भी महिलाओं को पानी के लिए दूर-दूर तक जाना पड़ता है। गांव के कुंए सूख रहे हैं, किसान अच्छी फसल के लिए पूरी तरह से बारिश पर निर्भर हैं। यह तालाब आने वाले समय में गांवों के लिए जीवनरेखा साबित हो सकता है।’

इस मिशन को पूरा करने के लिए ढोलकिया पिछले ढाई महीनों से हर दिन करीब 2 लाख रुपये खर्च कर रहे हैं। इस खर्च में डीजल और मजदूरों की दिहाड़ी शामिल है।

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