कोरोना के घटते मामलों को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नियमों में बड़ा बदलाव किया है। पहले की तरह अब किसी भी कार्याल में कोरोना का मरीज मिलता है तो ऑफिस के बंद नहीं किया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना संक्रमण मामले सामने आने पर दफ्तर बंद करने का नियम हटा दिया है।
पुराने नियमों के अनुसार किसी ऑफिस में कोरोना का मरीज मिलने से पूरे ऑफिस को कुछ दिनों के लिए बंद कर दिया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। मरीजों को संगरोध कर दिया जाएगा और बाकि स्टाफ को ऑफिस आना अनिवार्य होगा।
मंत्रालय ने दफ्तरों को लेकर नए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी किए हैं। नए SOP के मुताबिक, किसी भी मामले में दफ्तर बंद करने के प्रावधान का जिक्र नहीं है।
SOP में ‘Closure of Workplace की जगह अब ‘Management of Premises ने ले ली है। यानी अब दफ्तर बंद करने की जगह दफ्तर के प्रबंधन की बात की गई है। 13 फरवरी, 2021 को जारी किए गए SOP में कहा गया है।
1. अगर किसी दफ्तर में एक या दो संक्रमण मामले रिपोर्ट होते हैं तो डिसइन्फेक्शन की प्रक्रिया केवल उस जगह/इलाके तक सीमित रहेगी, जहां पर मरीज बीते 48 घंटे में गया है या रहा है और डिसइन्फेक्शन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दफ्तर में काम फिर से शुरू किया जा सकता है।
2. अगर किसी वर्कप्लेस पर बहुत सारे मामले रिपोर्ट होते हैं तो पूरे ब्लॉक/बिल्डिंग या दफ़्तर(संक्रमण या संक्रमित के दायरे के आधार पर) कीटाणु रहित किया जाना।
1. अगर किसी दफ्तर में एक या दो संक्रमण मामले रिपोर्ट होते हैं तो डिसइन्फेक्शन की प्रक्रिया केवल उस जगह/इलाके तक सीमित रहेगी जहां पर मरीज बीते 48 घंटे में गया है या रहा है। दफ्तर की पूरी बिल्डिंग को बंद करने की जरूरत नहीं है या दफ्तर की दूसरी जगहों में काम रोकने की जरूरत नहीं है और डिसइन्फेक्शन प्रक्रिया पूरी होने के बाद काम फिर से शुरू किया जा सकता है।
गौरतलब है कि, भारत में कोरोना के मामले में काफी कमी आ रही है। कोरोना की वैक्सीन आने के बाद भारत सरकार चिंता मुक्त हो गई है। जिस के बाद हालात को पहले की तरह करने की कोशिश जारी है।