NDA में अब लड़कियां भी होंगी शामिल, तीनों Army Chiefs से सलाह-मशविरा के बाद लिया गया फैसला

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केंद्र सरकार (Central Government) ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) को बताया कि राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) में लड़कियों को शामिल करने की अनुमति देने का फैसला मंगलवार को लिया गया है। केंद्र का कहना है कि तीन सेना प्रमुख (Army Chiefs) से सलाह-मशविरा करने के बाद यह फैसला लिया गया।

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सशस्त्र बल देश में एक बहुत ही सम्मानजनक बल हैं, लेकिन उन्हें बलों में लैंगिक समानता की दिशा में और अधिक काम करने की आवश्यकता है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि उसे उम्मीद है कि रक्षा बल उस महत्वपूर्ण भूमिका को महत्व देंगे जो महिलाएं निभा रही हैं।

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में लड़कियों को शामिल करने की अनुमति देने का फैसला मंगलवार को ले लिया गया है। केंद्र का कहना है कि तीन सेना प्रमुखों से सलाह मशविरा करने के बाद यह फैसला लिया गया है।

याचिकाकर्ता ने दी थी ये दलील

याचिकाकर्ता ने दलील देते हुए कहा कि 10+2 स्तर की शिक्षा रखने वाली महिला अभ्यर्थियों को उनके लिंग के आधार पर राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और नौसेना अकादमी परीक्षा देने के अवसर से वंचित कर दिया जाता है। जो मौलिक नियमों के खिलाफ है।

वहीं, समान रूप से 10+2 स्तर की शिक्षा वाले पुरुष अभ्यर्थियों को परीक्षा देने और अर्हता प्राप्त करने के बाद भारतीय सशस्त्र बलों में स्थायी कमीशंड अधिकारी के रूप में नियुक्त होने के लिए प्रशिक्षित होने के लिए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में शामिल होने का अवसर मिलता है। यह सार्वजनिक रोजगार के मामलों में अवसर की समानता के मौलिक अधिकार और लिंग के आधार पर भेदभाव से सुरक्षा के मौलिक अधिकार का स्पष्ट उल्लंघन है।

ये भी पढ़ें- NDA की परीक्षा में महिलाएं भी होंगी शामिल, सुप्रीम कोर्ट ने दिए आदेश

2महिला उम्मीदवारों को परीक्षा में किया जाए शामिल

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एनडीए की परीक्षा में महिलाओं को शामिल न करने पर सरकार को नोटिस जारी किया था। याचिका में लिंग के आधार पर एनडीए में न शामिल करना समानता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन का मामला उठाया गया था। याचिका में मांग की गई थी कि महिला उम्मीदवारों को भी राष्ट्रीय रक्षा अकादमी और नौसेना अकादमी परीक्षा में शामिल किया जाए।

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