कहते हैं कि हादसों को कोई भी रोक नहीं सकता वो कभी भी किसी भी समय हो सकता है लेकिन ऐसा भी नहीं है कि उन हादसों से कुछ सीखा नहीं जा सकता। अगर सीखा जाए तो कई हादसे होने से पहले रोके जा सकते हैं। कुछ ऐसा ही नोएडा में है जहां कभी भी किसी भी समय कोई बड़ा हादसा हो सकता है। लेकिन प्रशासन बेपरवाह है और शांत बैठा है। दरअसल, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के शाहबेरी में मंगलवार रात एक चार मंजिला और एक छह मंजिला निर्माणाधीन इमारत गिरने से हड़कंप मच गया। इस हादसे के बाद प्रशासन की लापरवाही साफ देखी जा रही है। इसके अलावा नोएडा में किस तरह अवैध निर्माण का गोरखधंधा तेजी से पैर पसार रहा है, यह भी देखा जा सकता है।
बता दें कि ग्रेटर नोएडा में शाहबेरी इलाके में जो बिल्डिंग गिरी है वो कोई अकेली बिल्डिंग नहीं है जो अवैध निर्माण का उदाहरण है। ऐसी कई बिल्डिंग है जो कभी भी किसी की भी जीवन लीला समाप्त करते को आतुर है। ऐसी कई इमारतें हैं जिसकी नींव कमजोर बताई जा रही है और निर्माण में घटिया सामग्री इस्तेमाल करने का आरोप लगा है। शाहबेरी से ही सटे इटैड़ा, खेड़ा चौगानपुर, बिसरख आदि इलाकों में इन दिनों काफी संख्या में धड़ाधड़ अवैध इमारतें बन रही हैं। न तो इनका कोई नक्शा होता है और न ही किसी आर्किटेक्ट आदि की सलाह ली जाती है।
नोएडा में भी यही स्थिति है। यहां भी सर्फाबाद, बहलोलपुर, गढ़ी-चौखंडी जैसे इलाकों में बगैर नक्शे आदि के धड़ाधड़ अवैध इमारतें बन रही हैं। ऐसे में इन इलाकों में भी शाहबेरी जैसी दुर्घटना हो सकती है।