तेजी से उभरते हुए एशिया के दो देश भारत और चीन पर पूरी दुनिया की नजर है। ऐसे में दोनों ही देशों का आमने-सामने होना लाजिमी है। एक तरफ जहां चीन अपने भौगोलिक सीमाओं और अर्थव्यवस्था को लेकर हमेशा सख्त एवं सचेत रहता है और इसके विस्तार के लिए कोई भी सीमा लांघने के लिए तैयार रहता है तो वहीं दूसरी तरफ भारत सबका साथ सबका विकास की बात करता है। इसी कारण अन्य देशों को जितना भरोसा और जितनी हमदर्दी भारत के साथ रहती है उतनी  चीन के साथ नहीं। ऐसे में कुछ सालों से चीन की गुंडागर्दी और कठोर रवैये से निपटने के लिए मोदी सरकार ने जो रवैया अपनाया है, उसकी प्रशंसा पूरे विश्व में हो रही है। जी हां, एक अमेरिकी विशेषज्ञ ने मोदी सरकार की चीन नीति को लेकर जमकर तारीफ की।

अमेरिका के प्रतिष्ठित थिंक-टैंक हडसन इंस्टिट्यूट के सेंटर ऑन चाइनीज स्ट्रैटिजी के डायरेक्टर माइकल पिल्स्बरी ने अमेरिकी सांसदों के सामने चीन नीति और भारत की भूमिका के बारे में कई बातें कहीं। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी विश्व के एकमात्र ऐसे नेता हैं जिन्होंने चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना बेल्ट एंड रोडकी मुखालफ़त की थी। उन्होंने कहा कि  चीन के साथ डोकलाम में भी मोदी सरकार ने सख्त रुख दिखाया था और आखिरकार चीन को इस मामले में पीछे हटना पड़ा था।

ये भी पढ़ें- भारत के आगे झुका चीन, डोकलाम से दोनों देश हटाएंगे अपनी सेना

पिल्सबरी ने कहा, ‘बेल्ट एंड रोड’ परियोजना की शुरुआत के 5 साल हो चुके हैं। शुरुआती समय को छोड़ दिया जाए तो अमेरिकी सरकार भी इस पर लगभग खामोश ही रही है।’

पिल्सबरी ने अमेरिका की भी तारीफ की। इंडो-पैसेफिक रणनीति के लिए ट्रंप प्रशासन की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन और खुद राष्ट्रपति द्वारा ‘मुक्त और खुले’ इंडो-पेसिफिक इलाके बारे में 50 से अधिक बार सुना है। उन्होंने कहा कि चीन इस कॉन्सेप्ट को लेकर हमलावर है और उसे यह बिल्कुल पसंद नहीं। बता दें कि  प्राचीन सिल्क रोड को फिर से अस्तित्व में लाने की परियोजना के तहत चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बेल्ट एंड रोड (बीआरआइ) की शुरुआत की है। इसके जरिये दक्षिण एशियाई देशों के अलावा यूरोप को जोड़ने की चीन की योजना है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here