केंद्र की मोदी सरकार डिजिटल भारत का सपना देख रही है। हर सुविधा को ऑनलाइन किया जा रहा है। लेकिन इंटरनेट स्पीड इस राह में रोड़ा बन रहे है। देश में जब मोबाइल इंटरनेट की बात होती है, तो चर्चा 4G डेटा स्पीड से ही शुरू होती है। लेकिन भारत में इंटरनेट यूजर्स के लिए बफरिंग की समस्या आज भी आम है। दुनिया के दूसरे देशों में इंटरनेट यूजर्स के लिए बफरिंग की समस्या न के बराबर ही है। इंटरनेट स्पीड के मामले में फिलहाल हम अपने पड़ोसी देश श्रीलंका और पाकिस्तान से भी पीछे हैं। ब्रिटेन की इंटरनेट स्पीड टेस्टर कंपनी ओपनसिग्नल की माने तो भारत के पड़ोसी देशों यानी पाकिस्तान, श्रीलंका और म्यांमार की 4G डेटा स्पीड भारत के मुकाबले दोगुनी तेज है।

फिलहाल हमारे देश में 4G LTE यानी लॉन्ग टर्म ईवॉल्यूशन की औसत स्पीड की बात करें, तो ये आज भी 6.1Mbps पर ही है, जबकि दुनिया के बाकी देश इंटरनेट स्पीड के मामले में हमसे कई गुना आगे निकल चुके हैं। अपने देश में अगर हम इंटरनेट स्पीड की तुलना ग्लोबल स्पीड से करें, तो हम वैश्विक रूप से इस मामले में करीब एक तिहाई पीछे हैं। वैश्विक स्तर पर मोबाइल डेटा स्पीड का ग्लोबल एवरेज 17Mbps है।

ओपन सिग्नल के टेस्ट के आधार पर अगर हम भारत की 4G डेटा स्पीड की तुलना अपने पड़ोसी देशों से करे, तो श्रीलंका 13.95Mbps, पाकिस्तान 13.56Mbps और मयांमार 15.56Mbps स्पीड है। ये देश विकसित बाजारों से कहीं पीछे माने जाते हैं, लेकिन इंटरनेट स्पीड के मामले में ये दुनिया अग्रणी देशों के करीब हैं।  अगर दुनिया अग्रणी देशों में इंटरनेट उपभोक्ताओं को मिल रही स्पीड की बात करें, तो अमेरिका में 16.31Mbps, यूके में 23.11Mbps, और जापान में 25.39Mbps की स्पीड मुहैया हो रही है।  आज हमारे देश में इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर कंपनियां 4G से आगे बढ़कर अब 5G की बात करने लगी हैं।

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