Mamta Banerjee के मुख्य सलाहकार Alapan Bandyopadhyay को मिली जान से मारने की धमकी

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Alapan Bandyopadhyay
Alapan Bandyopadhyay

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री Mamata Banerjee के मुख्य सलाहकार Alapan Bandyopadhyay को जान से मारने की धमकी मिली है। इस मामले में सूचना मिलने के फौरन बाद बंगाल पुलिस हरकत में आयी और एक डॉक्टर सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।

पुलिस के मुताबिक पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव और वर्तमान में सीएम ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार अलापन बंद्योपाध्याय को धमकी देने के मामले में केपीसी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर अरिंदम सेन, उनके ड्राइवर रमेश के साथ एक टाइपिस्ट विजय कुमार कयाल को गिरफ्तार किया गया है।

धमकी भरा खत कलकत्ता यूनिवर्सिटी की VC सोनाली चक्रवर्ती को मिला

खबरों के मुताबिक बीते माह कलकत्ता यूनिवर्सिटी की वीसी सोनाली चक्रवर्ती को एक गुमनाम खत मिला, जिसमें धमकी दी गई थी कि उनके पति अलापन बंद्योपाध्याय की हत्या कर दी जाएगी। चिट्ठी में लिखा था कि मैडम, आपके पति को मार दिया जाएगा। अब आपके पति की जान कोई नहीं बचा सकता है।

खत मिलने के बाद पुलिस ने मामले को काफी गंभीरता से लिया। छानबीन के दौरान पुलिस ने एर गुप्त सूचना के आधार पर सोमवार को बालीगंज इलाके से टाइपिस्ट विजय कुमार कयाल को धर दबोचा। टाइपिस्ट विजय ने स्वीकार किया कि उसने ही धमकी भरे खत को टाइप किया था।

पुलिस को शंका है, धमकी देने वाला डॉक्टर किसी मानसिक बीमारी से ग्रस्त है

इसके बाद विजय ने पुलिस को अन्य आरोपियों के बारे में बताया। जिसके आधार पर पुलिस ने डॉक्टर डॉक्टर अरिंदम सेन और उनके ड्राइवर रमेश को गिरफ्तार किया। डॉक्टर अरिंदम ने पुलिस से पूछताछ में बताया कि उसने ही अपने ड्राइवर रमेश को टाइपिस्ट विजय के पास उस चिट्ठी को टाइप करवाने के लिए भेजा था। डॉक्टर अरिंदम इससे पहले भी कई लोगों को धमकी भरे खत भेज चुके हैं। पुलिस को आशंका है कि डॉक्टर अरिंदम किसी मानसिक बीमारी से ग्रस्त हैं।

मोदी-ममता के बीच तनाव का कारण रह चुके हैं अलापन बंद्योपाध्याय

गौरतलब है कि अलापन बंद्योपाध्याय साल 1987 बैच के पश्चिम बंगाल कॉडर के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं। बंगाल में यस चक्रवात के बाद जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समीक्षा बैठक के लिए पश्चिम बंगाल के दौरे पर थे तो उस समय मीटिंग के दौरान तक सीएम ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को आधे घंटे इंतजार करवाया था।

सीएम ममता बनर्जी के साथ तत्कालीन मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय भी बैठक में देरी से पहुंचे थे। जिसके बाद उन पर सर्विस के नियमों की अवहेलना का आरोप लगा था और केंद्र सरकार ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर अलापन बंद्योपाध्याय को दिल्ली तलब कर लिया था। लेकिन अलापन बंद्योपाध्याय दिल्ली नहीं गये और उन्होंने वीआरएस ले लिया था। जिसके बाद ममता बनर्जी ने उन्हें तत्काल प्रभाव से अपना मुख्य सलाहकार बना दिया था।

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