Allahabad High Court ने वेब न्यूज़ पोर्टल The Wire के संपादक Siddharth Varadarajan और रिपोर्टर इस्मत आरा (Ismat Ara) की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है और उत्तरप्रदेश की राज्य सरकार से इस मामले में 3 हफ्ते में जवाब मांगा है।
याचियों के खिलाफ दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के दौरान किसान नवनीत सिंह (Navneet Singh) की मौत की स्टोरी को लेकर केस दर्ज कराया गया था। Uttar Pradesh पुलिस का कहना था कि स्टोरी गलत तथ्यों पर आधारित है, जिससे दो समुदायों के बीच घृणा फैलाने और शांति को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया गया है।
संपादक ने मामले को सुप्रीम कोर्ट में दी थी चुनौती
सिद्धार्थ वरदराजन इस केस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुुंचे थे। जिसमें उन्हें पहले हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया गया। जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की गई। संपादक व रिपोर्टर को राहत देने का यह आदेश न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी तथा न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने दिया है।
रामपुर के Sanju Turiha ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी
वेब पोर्टल द वायर के खिलाफ रामपुर (Rampur) के संजू तुरिहा ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि किसान के बारे में प्रकाशित स्टोरी में लोगों को मौत को लेकर भ्रमित किया गया है। स्टोरी पर रामपुर के एक वर्ग के लोगों में भारी आक्रोश है और दो समुदायों के बीच तनाव पैदा हुआ। प्रकाशित स्टोरी में मृतक के बाबा के हवाले से कहा गया कि उनको पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने बताया कि नवनीत की मौत गोली लगने से हुई और जिसका बाद में रामपुर पुलिस ने खंडन किया और कहा कि किसी भी डॉक्टर ने ऐसी कोई बात मीडिया या किसी व्यक्ति से नहीं की है।