कर चलें हम फ़िदा जानो-तन साथियों, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों…..ऐसे शहीदों की शहादत को सलाम, जो देश के लिए अपनी जान गवां देते हैं। इन दिनों देश में मातम का माहौल छाया हुआ है। कहीं सीमा के अंदर के दुश्मनों से लड़ने में सैनिक शहीद हो रहे हैं तो कहीं सीमा से बाहर के दुश्मनों से देश की रक्षा करने में जवान अपनी शहादत दे रहे हैं। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा स्थित सेना के कैंप पर तड़के चार बजे आतंकी हमला हुआ था। जिसमें एक सैन्य अधिकारी समेत तीन सैन्य-कर्मी अपनी जान से हाथ धो बैठे। इन्हीं में एक नाम शामिल है कानपुर के रहने वाले कैप्टन आयुष यादव का। बहुत कम उम्र में आयुष ने देश के लिए अपना बलिदान दे दिया।
मां बाप के इकलौते बेटे आयुष की मौत की खबर जब परिवार ने सुनी तो पूरा परिवार सदमे में चला गया। महज 26 साल का आयुष बचपन से ही सेना में भर्ती होने का शौक रखता था लेकिन किसको पता था कि एक दिन तिरंगे में लिपटे हुए आयुष के शव को देखना पड़ेगा। अपनी जान गंवा बैठे आयुष के पार्थिव शरीर को जब सेना के ट्रक में कानपुर की गलियों से ले जाया जा रहा था तो नम आंखें लिए हर कोई यही नारा लगा रहा था, कैप्टन आयुष अमर रहे, भारत माता की जय, पाकिस्तान मुर्दाबाद। तिरंगे में लिपटे आयुष के शव को देखकर खुद-ब-खुद लोगों के कदम रुक गए और सभी ने आयुष की शहादत को सलाम किया।
आयुष के शव को पूरे राजकीय सम्मान के साथ शनिवार सुबह 10 बजे अंतिम विदाई दी गई। पूरा कानपुर इस दुखद पल में एकजुट था। आयुष के पिता अरुण कान्त यूपी पुलिस में इंस्पेक्टर है, उन्होंने बताया कि हमले से एक दिन पहले ही आयुष से उनकी बात हुई थी, आयुष ने उनको श्रीनगर आने के लिए कहा था, मगर क्या पता था, यह दिन देखना पड़ेगा।
वहीं क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने दो तस्वीरें ट्वीट करते हुए लिखा कि ये कितना सुखद है, लोग अपने रियल हीरो शहीद कैप्टन आयुष को कानपुर में सलाम कर रहे हैं, हमारे हीरो इससे भी ज्यादा के हकदार है।
How wonderful it is to see this ! People saluting a true hero, Shaheed Captain Ayush Yadav in Kanpur.Our heroes deserve this and much more. pic.twitter.com/ufSD9O0AI0
— Virender Sehwag (@virendersehwag) April 28, 2017
देश के लिए अपनी शहादत देने वाले जवान मरकर भी अपने आप को अमर कर जाते हैं। पूरे एपीएन परिवार की ओर से शहीद कैप्टन आयुष यादव को नमन।