राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव एक बार फिर विवादों में हैं। चारा घोटाले में पहले से फंसे लालू पर इस बार मिट्टी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगा है। लालू पर यह आरोप भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने लगाया है। आज एक प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से उन्होंने लालू और उनके परिवार पर 90 लाख रुपये के मिट्टी घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया है।

सुशील मोदी ने कहा कि बिहार के सबसे बड़े माल का निर्माण जिस कंपनी डिलाइट मार्केटिंग कंपनी द्वारा कराया जा रहा है उसके निदेशक चंदा यादव, तेजस्वी प्रसाद यादव और तेजप्रताप यादव हैं। इस माल निर्माण के दौरान बड़े पैमाने पर मिट्टी निकली है। जिसे अवैध तरीके से बिना किसी टेंडर के संजय गाँधी जैविक उद्यान को 90 लाख रुपये में बेच दिया गया। मिट्टी निकाल कर उद्यान तक पहुँचाने का काम रूपसपुर के विरेन्द्र यादव के एमएस इंटप्राइजेज को सौंप दिया गया गया जो लालू प्रसाद यादव के क़रीबी हैं। इस माल का निर्माण सुरसंड से राजद विधायक अबु दौजाना की कंपनी मेरिडियन कंस्ट्रक्शन कर रही है।

मोदी ने कहा कि राज्य के मंत्री ललन सिंह ने 2008 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद पर आरोप लगाया था कि रेलवे के रांची और पुरी के दो होटलों को होटल सुजाता के हर्ष कोचर को गलत तरीके से बेच दिया गया है। इसके बदले में हर्ष कोचर ने पटना में दो एकड़ जमीन डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्रा. लि. को एक ही दिन में दस निबंधन के द्वारा ट्रांसफर कर दी थी। मॉल का निर्माण इसी जमीन पर हो रहा है।

बीजेपी नेता ने इस घोटाले के लिए राज्य के पर्यावरण और वन मंत्री तेज प्रताप यादव को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि अपने मॉल से निकली हुई मिट्टी को तेज प्रताप यादव द्वारा अपने विभाग के माध्यम से बिना किसी टेंडर के केवल कोटेशन के आधार पर दे दिया गया है। जो नियमतः गलत है। उन्होंने पूछा कि क्या उद्यान के निदेशक 90 लाख का काम अपने अधिकार से करा सकते हैं? मोदी ने कानून का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक हाईवा चला कर मॉल की मिट्टी की ढुलाई की जा रही है जबकि रात में वन्य प्राणियों के उद्यान में न तो कोई निर्माण कार्य न ही गतिविधि की जा सकती है।  

बीजेपी नेता के इस आरोप के बाद बिहार की राजनीति का पारा चढ़ता नजर आ रहा है। बीजेपी जहाँ ख़बरों और कानून के साथ साक्ष्यों का हवाला देकर हमलावर हो गई है वहीँ अभी तक महागठबंधन के किसी भी दल के नेता से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है। अगर सुशील मोदी का यह आरोप सही साबित हुआ तो नितीश के सुशासन और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति में यह पलीता लगाने को काफी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here