यूपी- दिल्ली की कड़कड़ाती ठंड में देश के अन्नदाता सड़कों पर 7वें दिन भी प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान 3 केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसानों के भारी प्रदर्शन के कारण दिल्ली को यूपी से जोड़ने वाले रास्ते बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। सड़कों पर भारी ट्रैफिक जाम है। इस मसले को सुलझाने क लिए कल किसानों और सरकार के बीच वार्ता हुई थी पर कोई हल नहीं निकला।

बुधवार को भी टीकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर के साथ दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर हजारों किसान धरने पर बैठे हुए हैं। वहीं, दिल्ली पुलिस ने बुधवार सुबह ट्रैफिक को लेकर एडवायजरी जारी की है, जिसके मुताबिक, टीकरी बॉर्डर, झरोदा बॉर्डर और झटीकरा बॉर्डर बॉर्डर बंद है। सिर्फ दुपहिया वाहनों के लिए बाड़ूसराय बॉर्डर ट्रैफिक के लिए खोला गया है। वहीं, किसानों के प्रदर्शन के चलते चिल्ला बॉर्डर पर नोएडा लिंक रोड को बंद कर दिया गया है, ऐसे में नोएडा से दिल्ली आने के लिए नेशनल हाइवे-24 और डीएनडी का इस्तेमाल करें।

किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़न की कोशिश की

kisanandlan 1

खबर है कि दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर किसानों ने जबरन दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश की। सुबह-सुबह बैरिकेड को भी तोड़ने की कोशिश की। किसानों के इस उग्र प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस अलर्ट पर है।

किसानों के प्रदर्शन के कारण आम लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सिंघु व टीकरी बॉर्डर के बाद सोमवार देर रात औचंदी बॉर्डर को भी सील कर दिया गया। यहां दिल्ली पुलिस की ओर से बैरिकेडिंग के साथ-साथ डंपर भी खड़े कर दिए गए

यूपी के किसान भी हुए प्रदर्शन में शामिल

पिछले 6 दिनों से दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर सिर्फ पंजाब और हरियाणा के किसान ही प्रदर्श कर रहे थे पर अब यूपी के भी कुछ किसान बॉर्डर पर पहुचं गए हैं। कृषि कानूनों के विरोध में यहां पर किसानों ने ट्रैक्टर-ट्राली के जरिये बॉर्डर के रास्ते को बंद कर दिया। आवागमन बाधित होते देखकर दिल्ली पुलिस के जवान पहुंचे और हालात पर काबू पाया। इस बीच बॉर्डर सील किए जाने से दिल्ली नोएडा लिंक रोड पर भीषण जाम लग गया। बुधवार सुबह दिल्ली पुलिस ने एडवायजरी जारी की है कि वाहन चालक दिल्ली-नोएडा लिंक रोड का इस्तेमाल नहीं करें।

नए कृष कानून को लेकर किसान पिछले 6 दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने पहले दो माह तक पंजाब में प्रदर्शन किया, पर सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया न मिलने के कारण उन्होंने राजधानी का रूख किया।

कृषि कानूनों का कोई भी किसान समर्थन नहीं करता है

अखिल भारतीय किसान महासंघ के अध्यक्ष प्रेम सिंह ने बैठक को अच्छा बताया। उन्होंने कहा कि सरकार के साथ तीन दिसंबर को अगली बैठक के दौरान हम उन्हें समझाएंगे कि कृषि कानूनों का कोई भी किसान समर्थन नहीं करता। इसे लेकर आंदोलन जारी रहेगा।

सिंघु और टीकरी बॉर्डर सील होने बाद औचंदी बॉर्डर से ही जरूरी सामान को दिल्ली पहुंचाया जा रहा था। वहीं, कच्चे रास्तों को भी खोद दिया गया है। इससे दिल्ली में दरियापुर गांव तक और हरियाणा में सैदपुर तक जाम लग गया।

वार्ता में नहीं निकला हल

framers..

निजामपुर, कंझावला, बवाना, नरेला समेत शहर में भी लोगों को जाम से जूझना पड़ा। बाद में दिल्ली व हरियाणा पुलिस की ओर से वाहनों को दूसरे रूट पर डायवर्ट कर दिया गया, लेकिन लोग इस रूट से दिल्ली व हरियाणा में प्रवेश नहीं कर पाए और परेशान होते रहे।

इससे पहले तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के साथ सरकार की मंगलवार को हुई तीसरे दौर की वार्ता भी बेनतीजा समाप्त हो गई। सभी की नजरें अब गुरुवार को होने वाली चौथे दौर की बातचीत पर टिक गई हैं। वार्ता खत्म होने के बाद बाहर आए केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, ‘आज (मंगलवार) की बैठक में परस्पर समझ बनी है।

अब चौथे चरण की वार्ता बृहस्पतिवार को होगी, जिसमें विस्तृत चर्चा होगी, क्योंकि के दौरान सरकार की ओर से संयुक्त समिति के गठन के प्रस्ताव को किसान नेताओं ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि वार्ता का कोई नतीजा आने तक आंदोलन जारी रखा जाएगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here