जम्मू के कठुआ में बकरवाल समुदाय की 8 साल की बच्ची की गैंगरेप के बाद हत्या के मामले ने आज एख नया मोड़ ले लिया है। इस मामले के मद्देनजर आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने मजिस्ट्रेट कोर्ट में 7 मई को होने वाली केस की अगली सुनवाई तक के लिए सुनवाई पर रोक लगा दी है। जम्मू एवं कश्मीर सरकार ने केस की सुनवाई राज्य से बाहर करवाए जाने का विरोध किया है। राज्य सरकार का कहना है कि मामले में काफी गवाह स्थानीय हैं, ऐसे में केस की सुनवाई राज्य से बाहर करवाना सही नहीं होगा।

इस केस के आरोपियों ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि मामले में कोई भी फैसला करने से पहले उनका पक्ष सुना जाए. सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों को नोटिस भेजा है और मामले की सुनवाई 7 मई तक के लिए टाल दी है। इस बीच 82 सामाजिक संगठनों और कुछ प्रतिष्ठित लोगों ने मामले की जांच CBI से करवाने की अपनी मांग रखने के लिए जम्मू में एक संयुक्त समिति गठित की है। याचिका दायर करने वाली वकील का कहना है जिस राज्य सरकार की एजेंसी पर पैसे खाने के आरोप लगे हैं, उसी को जांच का जिम्मा दे दिया जाना बिल्कुल गलत है।

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हालांकि कठुआ गैंगरेप मामले की छानबीन कर रही पुलिस का कहना है कि बच्ची की हत्या किसने की इसका पता पुलिस को चल गया है। हालांकि इसके पूर्ण रूप से पुष्टि के लिए पुलिस की कोशिशें जारी है। उसके अनुसार आरोपी सांझी राम ने कबूला है कि उसी ने ही अपने बेटे को बचाने के लिए बच्ची की हत्या का षड्यंत्र रचा है। ऐसे में पुलिस को मामले की जांच में अब आसानी हो गई है। वहीं दूसरी ओर कठुआ मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सेशन जज के सामने मामले में सुनवाई पर 7 मई तक के लिए रोक लगा दी है।

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