एटीएम में कैश संकट से थोड़ी राहत मिली है.. लोगों की परेशानी को दूर करने के लिए नोटों की छपाई के काम में तेजी लाई गई.. लेकिन जिस तरह से देश में कैश की किल्लत हुई.. उससे आरबीआई काफी परेशान है.. आरबीआई की हालिया रिपोर्ट में साफ हो चुका है कि नोटबंदी से देश को किसी तरह का कोई फायदा नहीं हुआ है.. भारतीय रिजर्व बैंक ने आंकड़े जारी कर बताया कि लोगों ने खर्च को निकासी के मामले में पीछे छोड़ दिया है…  इसका मतलब हुआ कि पैसे निकाले ज्यादा जा रहे हैं और खर्च कम किया जा रहा है…

20 अप्रैल को खत्म हुए सप्ताह में 16 हजार 340 करोड़ रुपए बैंकों से निकाले गए. इसी के साथ अप्रैल के पहले तीन हफ्ते में टोटल 59 हजार 520 करोड़ रुपए निकाला गया. वहीं अप्रैल के पहले हफ्ते में बैंक से 16,470 करोड़ रुपए निकाले गए. इस साल के जनवरी-मार्च तिमाही में कुल 1.14 लाख करोड़ रुपए की निकासी हुई, जो 2016 के इस तिमाही से 27 प्रतिशत ज्यादा है. 20 अप्रैल तक 18.9 लाख करोड़ रुपए की राशि सर्कुलेशन में थी जो पिछले साल के अक्टूबर से 18.9 प्रतिशत ज्यादा है. पिछले साल इसी समय निकासी की प्रक्रिया में तेजी आई थी…  आरबीआई और अन्य बैंक तब सोचने को मजबूर हुए जब इस महीने कई राज्यों के एटीएम पैसे के बगैर खाली पड़ गए…

कैश की जमाखोरी में आई तेजी से पीएम मोदी की ओर से नोटबंदी के कदम से क्या पाया..  इस पर सवाल उठने लाजिमी हैं..  लोगों के बीच भले ही ऑनलाइन ट्राजैक्शन का ट्रेंड बढ़ा हो लेकिन कैश की जमाखोरी अभी भी जारी है..

—ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

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